अब CBI करेगी पाखरो रेंज में टाइगर सफारी प्रकरण की जांच। CBI द्वारा विजिलेंस से इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। शुक्रवार को इसके लिए विजिलेंस को मिले सीबीआई के पत्र में केस से जुड़े सभी दस्तावेज तैयार रखने को कहा गया है।
विजिलेंस द्वारा भी अपनी जांच बंद करने के बाद सारे दस्तावेज CBI को सौंपने की तैयारी कर ली है। इस मामले में शासन को भी पत्र भेजा रहा है। CBI के पत्र के बाद माना जा रहा है किCBI सभी दस्तावेज लेकर कभी भी जांच शुरू कर सकती है। जांच के तहत CBI की टीम सबसे पहले पाखरो प्रकरण से जुड़े तीन रिटायर PCCF और एक वर्तमान PCCF सहित करीब एक दर्जन वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और रेंज में काम करने वाले ठेकेदारों से भी पूछताछ कर सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार CBI वन मंत्री से लंबी पूछताछ कर सकती है।
दूसरी तरफ CBI की पूछताछ का मुख्य बिंदु तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत होंगे। विजिलेंस और अन्य जांचों में सामने आया है कि हरक सिंह के दबाव में बिना वित्तीय और अन्य स्वीकृतियां लिए ही वहां टाइगर सफारी का काम शुरू कर दिया गया था। ऐसे में CBI वन मंत्री से लंबी पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा CBI उस समय शासन में तैनात कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है।
पाखरो प्रकरण के दौरान कुछ समय के लिए PCCF वाइल्ड लाइफ रहे वर्तमान विभागीय मुखिया अनूप मलिक से भी CBI पूछताछ कर सकती है। एसपी विजिलेंस मुख्यालय धीरेंद्र गुंज्याल ने सीबीआई का पत्र मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि CBI जब चाहेगी सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
इन अफसरों से भी हो सकती है पूछताछ
- पूर्व PCCF राजीव भर्तरी
- पूर्व PCCF विनोद सिंघल
- तत्कालीन कार्बेट निदेशक राहुल
- तत्कालीन DFO कालागढ़ किशनचंद
- तत्कालीन DFO कालागढ़ अखिलेश तिवारी
- तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी शर्मा