पुलिस द्वारा पकड़ा गया नटवरलाल जो फर्जी दस्तावेज बनाकर विदेश भागने के चक्कर में था।उसकी करतूत सुन आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे। इस शातिर शख्स ने हल्द्वानी में अपनी दुकान पर बैठे-बैठे देहरादून से पासपोर्ट, असम से पैन कार्ड आदि बनवा लिए। इतना नहीं इसने दूसरे नाम से गोवा के एक इंस्टिट्यूट से एचएम भी कर लिया। यही नहीं ये शातिर शख्स फर्जी दस्तावेजों पर वाहन और मोबाइलों के फाइनेंस कराने के उन्हें बेचने लगा।कई महीनों से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन पकड़ में तो वह डोईवाला पुलिस द्वारा की जा रही वाहन चेकिंग के दौरान आया। डोईवाला पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके उसके कब्जे से एक कार, तीन बाइक और दस अलग- अलग नामों के फर्जी पहचान पत्र बरामद किए हैं।
एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने बताया कि शाम के वक्त डोईवाला पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को एक मोटरसाइकिल दिखी जिसकी आगे की नंबर प्लेट टूटी हुई थी। नंबर को ऑनलाइन चेक किया गया था तो चेसिस नंबर इससे अलग पाया गया। यह मोटरसाइकिल किसी दक्षित द्विवेदी के नाम पर रजिस्टर थी।शक होने पर उसको चौकी लाकर पूछताछ की गई जहां उसने बताया कि उसका असली नाम ललित दुत्गताल है, और वह धारचूला पिथौरागढ़ का रहने वाला है।
अधिकतर लोग उसे आदित्य के नाम से जानते हैं।उसका काम फर्जी आईडी बनाकर अलग-अलग बैंकों से लोन लेकर मोटरसाइकिल, स्कूटर व कई महंगे मोबाइल फोन खरीदने के बाद इन्हें सस्ते दामों पर किसी और को बेच देना था। यह मोटरसाइकिल भी उसने रक्षित द्विवेदी निवासी बामनगांव, मुनस्यारी, पिथौरागढ़ के नाम पर खरीदी थी। इससे पहले भी उसने कई वाहन टिहरी और देहरादून के पते पर फाइनेंस कराने के बाद लिए। सभी को फर्जी तरीके से बेच भी देता था।
उसके बैग की तलाशी लेने पर उसमें से कई नामों से जारी हुए पहचान पत्र बरामद हुए। उसकी निशानदेही पर एक कार और दो मोटर साइकिलें और भी बरामद की गईं। उसके बारे में जानकारी की गई तो पता चला कि ललित के खिलाफ टिहरी में एक मुकदमा दर्ज है और उस पर टिहरी पुलिस ने पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ है। आरोपी को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
आरोपी ने अलग-अलग नामों के कई दस्तावेज बनाए हुए हैं। उसने इन दस्तावेजों में से एक रक्षित द्विवेदी के नाम से ही गोवा के एक होटल मैनेजमेंट कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उसने वहां पर कई महीनों तक नौकरी भी की। लेकिन, वहां ज्यादा दिनों तक उसकी दाल नहीं गली तो वह हल्द्वानी आ गया। यहां उसने एक मोबाइल शोरुम खोला और नये कामों को अंजाम देने लगा।
पुलिस को आरोपी के पास से 10 आधार कार्ड बरामद हुए हैं। इनमें कोई आदित्य सिंह के नाम पर है तो कोई यशवंत सिंह के नाम से बनवाया हुआ है। एक आदित्य उपाध्याय, ललित जोशी, रक्षित द्विवेदी, रक्षित सिंह, ललित दुग्ताल, अक्षय जोशी और अक्षय सिंह का भी एक आधार कार्ड बरामद हुआ। इसके अलावा देहरादून, टिहरी और आसाम से जारी तीन पैन कार्ड भी मिले। इन सभी पर नाम अलग-अलग थे लेकिन फोटो ललित दुग्ताल का ही था। इतना ही नहीं उसने एक नहीं बल्कि दो-दो पासपोर्ट भी बनवाए। इनमें एक रक्षित द्विवेदी और एक ललित दुग्ताल के नाम से बनवाया हुआ है। चार ड्राइविंग लाइसेंस भी अलग-अलग नामों से बनवाए हुए हैं।
आरोपी ने ये सब अपनी हल्द्वानी स्थित दुकान पर बनवाए थे। उसके पास जो भी कोई सामान लेने के लिए आता था उसका आधार कार्ड लेता था। इन्हें स्कैन कर वह अपनी फोटो उसमें लगाकर अपने नाम से आधार कार्ड बनवा लेता था। पुलिस के अनुसार आरोपी अब पुलिस से बचते हुए विदेश भागने की तैयारी कर रहा था। उसके अलग-अलग नामों से चार मोटरसाइकिल होने का भी पता चला है। पुलिस जल्द ही इन्हें बरामद कर लेगी।