उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ग्रामीणों का मंदिर ,स्कूल और घर जाने के रास्ते को बंद करने के खिलाफ जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आइटीबीपी, राज्य सरकार, केंद्र सरकार, और उप जिलाधिकारी से 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा खंडपीठ ने की।
उत्तरकाशी के मातली गांव के रामलाल नौटियाल , विनोद प्रकाश नौटियाल, रामकिशन नौटियाल ने जनहित याचिका दायर कर उनके गांव की कृषि भूमि को आईटीबीपी ने अपने कैंपस, ऑफिस और स्टाफ क्वार्टर बनाने के लिए अधिकृत किया था ,और ग्रामीणों के साथ एक समझौता भी किया था, कि उनके आने जाने का रास्ता खुला रखा जाएगा जिसमें किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं की जाएगी। सारा कार्य पूर्ण होने के उपरांत आइटीबीपी द्वारा चहारदीवारी करके रास्ता बंद कर दिया है। स्कूल जाने, मंदिर जाने ,घाट आदि जाने के लिए बनाया था वह भी बंद कर दिया गया है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने उत्तरकाशी न्यायालय में वाद दायर किया। जिस पर आइटीबी ने कहा कि वह रास्ता खोल देंगे। ग्रामीणों ने अपना बाद वापस ले लिया। वाद वापस लेते ही आईटीबीपी ने पुनः रास्ता बंद कर दिया ।जिसको लेकर ग्रामीणों ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की जिसमें ग्रामीणों ने न्यायालय से उनका रास्ता खुलवाने की गुहार लगाई।