बागेश्वर के एक भरण पोषण के मामले की सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ऐश्वर्या बोरा ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए माता पिता के लिए उनके बेटे को हर महीने 30,000 रुपए की राशि भरण पोषण हेतु देने का आदेश दिया। आदेश में कहा कि बेटे को 15 -15 हजार रुपए अलग-अलग अपने माता-पिता के खाते में हर महीने की दस तारीख से पहले डालने होंगे।
यहां यह जानकारी दे दें कि एक माता-पिता ने अपने बेटे पर भरण-पोषण के लिए न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित दंपती की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता विनोद भट्ट कर रहे थे। बताया जा रहा है कि पीड़ित दंपती का बेटा दिल्ली में आइटी सेक्टर में काम करता है और उसका वेतन लगभग डेढ़ लाख रुपये प्रति माह है। अपनी शादी के बाद से उसने बागेश्वर में रहने वाले अपने माता पिता को भरण-पोषण के लिए पैसा नहीं भेज रहा था। जिसके चलते बुजुर्गों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट बोरा ने दंपती के पुत्र सुरेश भट्ट पुत्र कृष्णानंद निवासी 99 गली नंबर पांच, ईस्ट कुरु अंगद नगर लक्ष्मीनगर नगर नई दिल्ली को आदेशित करते हुए कहा कि उसको हर महीने की 10 तारीख से पहले अपनी मां कलावती और पिता कृष्णानंद के खाते में 15-15 हजार रुपये जमा करने होंगे।