आखिरकार अंकिता भंडारी के मां-बाप की गुहार कहो या धमकी कहो रंग लाई , जिसके बाद शासन ने सरकार की तरफ से नियुक्त वकील को इसके केस से अलग कर दिया है। अंकिता भंडारी के माता-पिता ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई थी कि सरकारी वकील जितेंद्र रावत गवाहों को गुमराह कर रहा है तथा केस की पैरवी भी ठीक तरह से नहीं कर रहा है। इसलिए इनको इस केस से हटाया जाए। साथ में उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो भूख हड़ताल करेंगे और फिर आत्मदाह की भी चेतावनी उन्होंने दी थी।
जिलाधिकारी डाक्टर आशीष चैहान ने पत्रकार वार्ता कर यह जानकारी दी। जिलाधिकारी ने कहा की अंकिता के परिजनों की मांग पर यह फैसला लिया गया है ताकि उनको न्याय मिल सके। अंकिता के माता पिता ने सरकारी वकील को हटाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए शासन का आभार व्यक्त किया है।