उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी का असर रेलवे ट्रैक पर भी देखने को मिल रहा है जहां भीषण गर्मी से पटरियां भी पिघल कर टेढ़ी-मेढ़ी हो गई है। लोको पायलट की सूझबूझ की वजह से वहां से गुजर रही नीलांचल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बाल-बाल बची।
पुरी से नई दिल्ली के लिए जा रही नीलांचल एक्सप्रेस निगोहां रेलवे स्टेशन के पास टेढ़ी पटरियों से गुजरने की वजह से शनिवार दोपहर हादसे से बाल- बाल बच गई। ट्रेन को जिस लूपलाइन से गुजारा जा रहा था वह करीब सात मीटर तक टेढ़ी पाई गई।
लोको पायलट को झटके महसूस हुए तो उन्होंने ट्रेन रोकी। शुरुआती जांच में गर्मी की वजह से पटरी टेढ़ी होने की बात सामने आ रही है। बहरहाल, डीआरएम ने जांच के आदेश दिए हैं। पुरी से नई दिल्ली जाने वाली गाड़ी संख्या 12875 नीलांचल एक्सप्रेस रायबरेली के रास्ते लखनऊ आ रही थी। शनिवार दोपहर करीब 2.15 बजे ट्रेन निगोहां रेलवे स्टेशन पहुंची थी।
मेन लाइन पर गाड़ी खड़ी होने की वजह से ट्रेन को लूप लाइन से गुजारा किया जब ट्रेन लूप लाइन से गुजर रही थी लोको पायलट ने झटके महसूस किए तब उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन को तत्काल रोक दिया, परंतु तब तक ट्रेन टेढ़ी पटरियों को पार कर चुकी थी।
लोको पायलट ने टेढ़ी पटरियों की सूचना निगोहां स्टेशन मास्टर विवेक पटेल को दी। जिन्होंने इसकी सूचना रेलवे कंट्रोल रूम और बछरावां की मेंटेनेंस टीम को दी गई। इसके बाद इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंची और पटरियों की मरम्मत की। इस दौरान ट्रेनों का संचालन अप-डाउन लाइन से होता रहा। ट्रेन में आठ सौ के आसपास पैसेंजर थे।
रेलवे के अफसर बताते हैं कि लूपलाइन से गुजरते वक्त नीलांचल एक्सप्रेस की स्पीड 15 से 20 किमी प्रति घंटे की थी, जिसकी वजह से टेढी पटरियों से गुजरने पर हादसा होने से बच गया। स्पीड अधिक होती तो ट्रेन पलट सकती थी।
इससे पहले भी पटरी में फैलाव की वजह से दून एक्सप्रेस वाराणसी से अयोध्या के बीच पटरी से उतर चुकी है। हिमगिरी एक्सप्रेस भी सुल्तानपुर के पास और हरिद्वार प्रयागराज एक्सप्रेस कनकहा में बेटपरी हुई थी।
पटरियों का टेढ़ा होना लापरवाही को भी दर्शाता है दरअसल, गर्मियों में लोहे की पटरी फैलकर टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं, जबकि ठंड में सिकुड़ जाती हैं। इससे ट्रैक फ्रैक्चर हो जाते हैं। लिहाजा रेलवे डिस्ट्रेसिंग (पटरी पर आ रहे तनाव को खत्म करने की प्रक्रिया) कराता रहता है, ताकि फ्रैक्चर से हादसे न हों। पर, पटरियों का इस प्रकार टेढ़ा होना अफसरों की लापरवाही उजागर करता है।
उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा का कहना है कि हमारा सेफ्टी पर पूरा फोकस है। पटरी के टेढे होने की जांच के निर्देश दिए गए गर्मी या जिन वजहों से ऐसा हुआ है। उसकी पड़ताल की जाएगी व रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।