रिपोर्ट- विजय यादव
काशीपुर। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। विजिलेंस टीम ने काशीपुर की फल एवं सब्जी मंडी में तैनात मंडी सचिव पूरन सिंह सैनी को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हो रही इस कार्रवाई से मंडी परिसर में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, मंडी में लाइसेंस जारी करने और फाइलें पास कराने के एवज में सचिव द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत शफायत और शकील अहमद नामक व्यक्तियों ने विजिलेंस को की थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से मंडी में कार्रवाई की योजना बनाई। जैसे ही सचिव ने रुपये से भरा लिफाफा हाथ में लिया, मौके पर तैनात विजिलेंस टीम ने उसे सार्वजनिक रूप से धर दबोचा।
इस कार्रवाई को मंडी में मौजूद व्यापारियों और कर्मचारियों ने अपनी आंखों के सामने होते देखा, जिससे मंडी परिसर में अफरा-तफरी और सन्नाटा दोनों का माहौल नजर आया। कई व्यापारी इस पर बोलने से बचते रहे, लेकिन मंडी में लंबे समय से जारी “परमीशन के बदले कमीशन” का खेल पहली बार इस तरह से उजागर हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम ने सचिव के कब्जे से संदिग्ध दस्तावेज, मोबाइल फोन और अन्य सामग्री भी जब्त की है। टीम अब मंडी परिषद के कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही साफ कर चुके हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। काशीपुर मंडी में विजिलेंस की यह कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति का प्रमाण मानी जा रही है।
इस कार्रवाई के बाद मंडी परिसर में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। व्यापारी वर्ग भी अब इस बात को लेकर सतर्क हो गया है कि लाइसेंस व फाइलों के नाम पर रिश्वत मांगने वालों पर शिकंजा कसना अब तय है। विजिलेंस की इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही राज्य सरकार की मुहिम को और गति मिली है।