देहरादून। पुरानी कहावत है कि ‘सैंया कोतवाल तो डर काहे का’। यह कहावत ‘स्मार्ट सिटी’ देहरादून के लिए सटीक बैठती है। देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड (डीएससीएल) परियोजना को सफल बनाने के लिए भारत सरकार एवं उत्तराखंड सरकार डीएससीएल को धन उपलब्ध करवाती है, इस धनराशि को केंद्र एवं राज्य सरकार 50:50 के अनुपात में डीएससीएल को देती है। इस मद के तहत दून के निश्चित क्षेत्र को वॉल पेंटिंग, स्मार्ट टॉयलेट, सीवेज लाइन आदि को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है।
जिसके तहत शहर की सुंदरता पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। अब भाजपा नेता इस किए कराए पर पानी फेर रहे हैं। योजना के अंतर्गत दीवारों पर सुसज्जित सुंदर आकृतियां एवं चित्र भी बनाए गए थे। लेकिन भाजपा नेताओं की मनमानी है कि वह इन सुंदर चित्रों के ऊपर अपना एवं भाजपा का प्रचार कर दीवारों को पोत रहे हैं। ऐसे नजारे आपको देहरादून में जगह-जगह देखने को आसानी से मिल जाएंगे। अहम प्रश्न यह उठता है कि इन पर कार्रवाई भी करे तो कौन?
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पंत ने आरोप लगाया कि भाजपा का इस प्रकार का चरित्र बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, एक ओर तो स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं दूसरी तरफ इन दीवारों को भाजपा के प्रचार से रंगा जा रहा है। मुख्यमंत्री दिन-रात इन सड़कों से गुजरते हैं, फिर भी इन्हें देखकर अनदेखा किया जाता है। यह मुख्यमंत्री का मौन समर्थन ही है कि स्मार्ट सिटी की दीवारों पर भाजपा का प्रचार प्रसार हो रहा है। जनता की मेहनत की कमाई को भाजपा सरकार बर्बाद कर रही है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी इसकी निंदा करने के साथ ही चेतावनी देती है कि यदि आगे भी यह सिलसिला चलता रहा तो इसके लिए एक आंदोलन किया जाएगा।