दूसरों को ठगे जाने में चर्चा के कारण बनी विवादित दिव्या रावत को जमानत मिल गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार भाई फरार बताया जा रहा है। दिव्या रावत को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था लेकिन हल्की धाराओं लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी गई।
दिसंबर 2019 में पीड़ित के पास दिव्या का फोन आया कि वो उसकी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ सकते हैं। इसके बाद दिव्या ने उन्हें देहरादून बुलाया और रिवर्स माइग्रेशन 2020 प्रोजेक्ट के तहत मशरूम उत्पादन में पार्टनरशिप का प्रस्ताव दिया। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वह प्रशिक्षण के लिए टीम के साथ गुजरात गए. वहां उन्होंने कुछ मशीनें भी खरीदी। इस दौरान टीम में शामिल सदस्यों के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्च उन्होंने ही किया। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 1.20 करोड़ का खर्च आया। इसमें से कुछ रुपए दिव्या ने उन्हें दिए, जो बाद में बहाने से वापस भी ले लिए।
जब उन्होंने दिव्या से रुपए वापस मांगे तो साल 2022 में देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना में पीड़ित के खिलाफ 77 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया गया। उसके बाद दिव्या की शिकायत के बाद नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने उन्हें देहरादून बुलाकर गिरफ्तार कर लिया था।
बहरहाल पुलिस द्वारा उन्हें थाने में बुलाकर जमाना कागज तैयार कर छोड़ दिया गया है।