गढ़ी कैंट देहरादून मैं उत्तराखंड बागवानी विभाग माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इको टास्क फोर्स को बोलेरो और मोटरसाइकिल उपलब्ध करा कर फ्लैग ऑफ किया।
दो बोलेरो पिकअप और 10 मोटरसाइकिल इको टास्क फोर्स को सौंपी गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि भविष्य में हॉल टिकट विभाग को ट्रांसपोर्ट को 6 पालीहाउस भी बना कर देगा जिसमें चार पालीहाउस परियोजना क्षेत्रो और दो पाली हाउस बटालियन मुख्यालय में स्थापित किए जाएंगे
लोक निर्माण विभाग द्वारा दोनों परियोजना क्षेत्रों में मानसून आने से पूर्व बरसात के पानी के संरक्षण हेतु 120 दिनों के लिए दो जे.सी.बी. प्रदान की जायेंगी। ईको टास्क फोर्स के सहिया, कस्याली तथा बटालियन मुख्यालय में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जल भण्डारण हेतु 50 हजार लीटर की क्षमता की टंकियों का निर्माण कराया जायेगा।
यह भी फैसला लिया गया की ईको टास्क फोर्स की 10 नर्सरियों में सिंचाई प्रणाली की स्थापना की जाएगी। उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूआरडीए) द्वारा देहरादून, सहिया तथा कस्याली परियोजना स्थलों में 100 किलोवाट के सौर पैनल का प्रावधान किया जाएगा। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों से इको टास्क फोर्स के लिए पास प्राप्त होने वाले प्रस्तावों को पूरी तरह से प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए इको टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी, उस उद्देश्य की पूर्ति के हेतु यह टीम निरंतर प्रयासरत है। 127 ईको टास्क फोर्स प्रदेश की प्रथम पर्यावरण यूनिट है, जिसकी स्थापना 1 दिसम्बर 1982 में गढवाल रायफल्स रेजिमेण्ट सेन्टर लैन्सडाउन में हुयी थी। उन्होंने कहा कि इन 127 इको टास्क फोर्स नें स्थापना के बाद से गढ़वाल क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लगातार अच्छा कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विगत 40 वर्षो में ईको टास्क फोर्स ने प्रदेश के 1200 से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को यूनिट में भर्ती करके टिहरी, चमोली, देहरादून, तथा सीमान्त क्षेत्रों माणा तथा मलारी में लगभग 20,698 हैक्टेयर भूमि पर करीब 1 करोड 98 लाख पौधे लगाए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इको टास्क फोर्स पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखण्ड में सराहनीय कार्य कर रहा है। वृक्षारोपण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए इनके द्वारा राज्य में विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं।