प्रशासन द्वारा समय-समय पर यातायात को सुचारू करने के लिए नए-नए नियम बनाए जाते हैं। देहरादून में जाम अब एक आम समस्या बन चुकी है। जिससे नागरिकों को रोज दो चार होना पड़ता है। खासकर स्कूल खुलने और छूटने के टाइम पर तो स्थिति और भयावह हो जाती है।
देहरादून नगर निगम और यातायात पुलिस आए दिन नए-नए प्रयोग करके लोगों को निजात दिलाने की कोशिश करते हैं पर जितनी कोशिश करते हैं उतनी ही स्थिति और खराब होती जा रही है।
खासकर वीकेंड में तो शहर में जाम की स्थिति बहुत ही गंभीर हो जाती है वीकेंड में बाहर से आने वाले पर्यटक भी बहुतायत में मसूरी व अन्य स्थानों पर घूमने के लिए आते हैं। जिससे शहर में लंबे जाम लग जाते हैं।शहर में इस जाम का कारण वीकेंड पर आने वाले पर्यटकों की भीड़ और खराब सड़कें तथा सड़कों पर अतिक्रमण ही अकेली वजह नहीं है। देहरादून में जाम का आम कारण सभी स्कूलों की छुट्टी एक समय पर होना भी है। शासन और स्कूल प्रबंधकों का कई कई दौर में बैठक में हो चुकी हैं।पर कोई ठोस हल अभी तक नहीं निकला है।स्कूल खुलने के समय भले ही स्कूलों के कारण जाम से राहत रहती हो क्योंकि यह समय ड्यूटी आवर,मार्केट खुलने से पहले का समय होता है। सभी स्कूलों के बंद होने का समय 1 बजे से 3 बजे के बीच होता है।उस समय राजधानी की सभी प्रमुख सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। स्कूल वैन और अभिभावकों के निजी वाहनों से आने जाने वाले बच्चों की इतनी अधिक भीड़ स्कूलों के आसपास वाली सड़कों पर होती है, कि लोगों को कई बार तो घंटों में इस जाम से मुक्ति मिल पाती है। यह समस्या किसी एक क्षेत्र विशेष की नहीं है बल्कि पूरे शहर में स्कूलों की इतनी भीड़ है कि हर सड़क पर जाम लगना आम बात है। स्कूलों मैं पार्किंग ना होने की वजह से बच्चों को लेने आने वाले अभिभावक स्कूलों के आसपास अपने वाहन पार्क कर देते हैं, जिससे जाम लग जाता है। खासतौर पर वीकेंड पर पर्यटकों की आमद ज्यादा होती है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन और स्कूल प्रबंधकों के बीच कई वार्ताओं के बाद कुछ नियम तय किए जाते हैं लेकिन चंद दिन बाद इन नियमों को ताक पर रख दिया जाता है। अभी बीते एक सप्ताह से दून में जिलाधिकारी सोनिका की अगुवाई में सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सैकड़ों अतिक्रमणों पर कार्यवाही की गई और बड़ी संख्या में चालान किए गए। लेकिन इसके बावजूद भी स्थिति में रत्ती भर भी सुधार नहीं आ सका है। जिलाधिकारी ने दोबारा अतिक्रमण करने वालों को भले ही मुकदमा करने की चेतावनी दी हो लेकिन जो अतिक्रमण दो-चार दिन पहले हटाया गया था। वह अब फिर जस का तस दिखाई दे रहा है।