कभी -कभी कोई अधिकारी अपने पद के अहंकार में इतना चूर हो जाता है कि वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं होता है। डीएम हो चाहे सचिव वह सब के आदेशों की अवहेलना करता है। ऐसा ही मामला पिथौरागढ़ से सामने आ रहा है जहां मुख्य शिक्षा अधिकारी किसी भी अधिकारी की बात नहीं सुन रहे है।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने तत्काल प्रभाव से खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री गणेश सिंह ज्याला को अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु आदेश किया था ,किन्तु कई महीने व्यतीत होने पर भी आज तक मुख्य शिक्षा अधिकारी ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
जिलाधिकारी द्वारा पूरे बी.आर.सी. कार्यालय को आला अधिकारियों के समक्ष ताला लगा कर सील बंद कर किया गया था। यह मजिस्ट्रेट जाँच ही मानी जाती है, किन्तु मुख्य शिक्षा अधिकारी दबंगई दिखाते हुए अकेले ही सील तोड़ कर ताला खुलवा दिया जो कानूनी रूप से और विभागीय रूप से भी गैर कानूनी है। क्योंकि सील तोड़ कर तालाब खोलते समय भी किसी न किसी मजिस्ट्रेट का होना आवश्यक होता है, परंतु मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ऐसा किया तो प्रश्न उठता है कि उनके पीछे कौन सी शक्तियां हैं जिससे वह इतने निरंकुश हो गए हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षा सचिव उत्तराखण्ड के आदेशों की भी लगातार अवहेलना की जा रही है एवं महत्वपूर्ण निर्देशों व आदेशों को भी अपने कार्यालय में छुपाया जा रहा है। तथा गलत आदेश व निर्देश जारी करके जनपद की शिक्षा व्यवस्था को नष्ट किया जा रहा है। ऐसे विधि विरुद्ध मुख्य शिक्षा अधिकारी की तत्काल सेवा समाप्त कर दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।