अंकिता हत्याकांड में अभी तक फैसला ना आने से उसके माता-पिता हताश हो गए हैं। अदालत ने शुक्रवार को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 2 गवाहो को सम्मन भेजे थे, लेकिन मृतक का दोस्त पुष्पदीप जो मुख्य गवाह था अदालत नहीं पहुंचा।कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) रीना नेगी की अदालत में शुक्रवार को साइबर सेल टिहरी के प्रभारी उपनिरीक्षक ओमकांत भूषण ने अपने बयान दर्ज कराए। गवाही और प्रति परीक्षा (क्रास क्वेश्चनिंग) के दौरान तीनों हत्यारोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता अदालत में मौजूद रहे।साइबर सेल के एसआई ने दर्ज कराए बयान साइबर सेल के एक्सपर्ट ने अदालत में बताया कि 18 सिंतबर, 2022 को घटना के दिन तीनों अभियुक्तों और मृतका के फोन की लोकेशन एक साथ पाई गई। मृतका के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन रात को 9:50 बजे पशुलोक वाले टावर के आसपास पाई गई। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया, जबकि रात 10:00 बजे वापसी में अभियुक्तगणों के मोबाइल फोन की लोकेशन गंगाभोगपुर के टावर पर और मृतका के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन रात के 9:50 बजे के आसपास पशुलोक टावर के पास पाई गई थी। बताया कि उक्त अवलोकन, विश्लेशण व संपूर्ण विवरण केस डायरी में दर्ज है।
घटनाक्रम के बयान दर्ज कराने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर व अमित सजवान ने उसने सवाल किए। डीजीसी जितेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। अंकिता हत्याकांड में एसआईटी की ओर से 97 गवाह बनाए गए हैं, जिनमें से अब तक 14 लोगों की गवाही हो चकी है।
अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी और माता सोनी देवी सरकारी वकील की कार्यशैली से नाखुश हैं और सरकारी वकील को बदलने की मांग कर रहे हैं। अंकिता के पिता ने चेतावनी दी है कि यदि सरकारी वकील को ना बदला गया तो अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह कर लेंगे। इस वीडियो के सोशल मीडिया मे वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया। एसडीएम पौड़ी के नेतृत्व में टीम ने अंकिता के माता-पिता से मुलाकात कर के उन्हें प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया। बृहस्पतिवार को अंकिता की मां सोनी देवी ने सोशल मीडिया के जरिये सरकारी वकील को न हटाने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। शुक्रवार एसडीएम पौड़ी मुक्ता मिश्रा, कोतवाल गोविंद कुमार, एसएसआई महेश रावत सहित एक टीम अंकिता के गांव डोभ श्रीकोट पहुंची।उन्होंने अंकिता के माता पिता को बातचीत कर समझाया। अंकिता के पिता का कहना है कि वह एक जून से अंकिता के केस से सरकारी वकील को हटाने की मांग कर रहे हैं परंतु उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनका आरोप लगाया है कि सरकारी वकील अहम गवाहों को बोलने से रोकते हैं। उनका कहना है कि सरकारी वकील गवाहों के बोलने से पहले ही बयानों को बोल देते हैं। उनका कहना है कि बयान भी बदले जा रहे हैं जिससे उनका केस कमजोर पड़ रहा है। इससे उन्हें उनकी बेटी को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं लग रही है। वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर सरकारी वकील को हटाने की बात की। भंडारी दंपति ने चेतावनी दी कि यदि सरकारी वकील को 7 दिन के अंदर नहीं हटाया गया तो वह पौड़ी में बीच सड़क पर आत्मदाह कर लेंगे।