Sunday, November 9, 2025
  • Privacy Policy
  • Term & Condition
  • Contact
Uk Details
  • Home
  • ट्रेंडिंग
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • हेल्थ
  • हादसा
  • हाईकोर्ट न्यूज
  • अपराध
  • खेल
No Result
View All Result
Uk Details
Home Uncategorized

भूमाफियाओं का खेल: 40 साल से काबुल हाउस कब्जाने की कोशिश 400 करोड़ की है संपत्ति….

October 22, 2023
in Uncategorized
0
भूमाफियाओं का खेल: 40 साल से काबुल हाउस कब्जाने की कोशिश 400 करोड़ की है संपत्ति….
Share on FacebookShare on Whatsapp

देहरादून के  ईसी रोड क्षेत्र में स्थित काबुल हाउस को कब्जाने की कोशिश बाजार मूल्य के हिसाब से 400 करोड़ की संपत्ति। इससे पता चलता है कि प्रदेश की राजधानी और पढ़े-लिखे लोगों के शहर देहरादून में भूमाफियाओं के गिरोहों की जड़ें कितनी गहरी और मजबूत हैं। लगभग 40 साल से चले आ रहे इस मामले में अब भले ही जिलाधिकारी सोनिका की कोर्ट ने सभी कब्जेदारों को अवैध बताते हुए उनके दावे को खारिज कर दिया हो, लेकिन सवाल यह है कि भूमाफिया कैसे 40 साल तक सिस्टम को अपनी अंगुली पर नाचते रहे, क्या भू माफिया सिस्टम से बड़े हो गए हैं? भूमाफिया ने ना केवल हाई कोर्ट नैनीताल के आदेश को सरकारी कार्रवाई से दूर रखा, बल्कि बेशकीमती जमीन को खुर्दबुर्द करने के लिए सहारनपुर विवासी मो. शाहिद खालिद को फर्जी वारिश बनाकर खड़ा करके सरकारी अभिलेखों में फर्जी वारिस की विरासत भी चढ़ा दी गई, साथ ही संपत्ति पर 30 रजिस्ट्री भी कर डाली।लेकिन अब जिलाधिकारी सोनिका के आदेश के बाद इनकी उलटी गिनती शुरू हो गई है और सभी कब्जेदारों को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कब्जे को खाली करने को कहा। इसके बाद काबुल हाउस को प्रशासन अपने ढंग से  खाली करवाएगा।

 

Related posts

राज्य स्थापना दिवस : ‘उत्तराखंड’ केवल नाम बदला काम नहीं, बेरोजगारों को कोई दाम नहीं

राज्य स्थापना दिवस : ‘उत्तराखंड’ केवल नाम बदला काम नहीं, बेरोजगारों को कोई दाम नहीं

November 9, 2025
अवैध कब्जों को लेकर रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, पीएम को भेजा ज्ञापन

अवैध कब्जों को लेकर रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, पीएम को भेजा ज्ञापन

November 9, 2025

काबुल हाउस की संपत्ति जो 15,15-बी ईसी रोड स्थित है का मामला पहली बार पूर्ववर्ती प्रदेश उत्तर प्रदेश के समय प्रकाश में आया था।  तत्कालीन राजस्व आयुक्त राणा प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी देहरादून को 14 अगस्त 1984 को‌ आदेश दिया था कि काबुल हाउस की संपत्ति को अवैध कब्जेदारों से मुक्त करवाया जाए। तब तहसीलदार ने कब्जेदारों को नोटिस जारी कर संपत्ति खाली करने को कहा था। उस समय कब्जेदारों ने राजस्व आयुक्त के आदेश को छिपाकर सिर्फ तहसीलदार के नोटिस के आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी, जिसके बाद उन्हें कब्जे में बने रहने का समय मिल दिया। उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद प्रकरण नैनीताल हाई कोर्ट को स्थानांतरित किया गया। वर्ष 2007 में हाई कोर्ट को यह केस जिलाधिकारी देहरादून को रिमांड कर दिया। साथ ही जिलाधिकारी के केस निस्तारण तक बेदखली पर स्थगनादेश भी जारी कर दिया।

 

वर्ष 2007 में प्रकरण जिलाधिकारी की रिमांड में आने के बाद भी किसी अधिकारी ने इसमें हाथ नहीं डाला। इस बीच हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया कि काबुल हाउस की संपत्ति कस्टोडियन के रूप में जिला प्रशासन के अधीन है और इसके बाद भी प्रकरण का निस्तारण नहीं किया जा रहा। साथ ही बताया गया कि संपत्ति को भूमाफिया गिरोहबंद होकर खुर्दबुर्द कर रहे हैं। यहां तक कि सरकार में निहित हो चुकी काबुल के राजशाही परिवार से जुड़ी संपत्ति के फर्जी वारिश भी सामने आ गए हैं। उन्होंने संपत्ति को कई व्यक्तियों को बेच भी दिया है। हाई कोर्ट ने वर्ष 2021 में जब जिला प्रशासन को सख्ती के साथ प्रकरण के निस्तारण के निर्देश दिए तो अधिकारी सक्रिय हुए।

काबुल हाउस की संपत्ति कब्जाने वाले मुख्य किरदार शाहिद खालिद और उसके सहयोगियों ने काबुल हाउस की भूमि कब्जाने के लिए सहारनपुर निवासी अब्दुल रज्जाक के राजस्व रिकार्ड का सहारा लेते हुए शाहिद ने खुद को अब्दुल रज्जाक का पुत्र होना बताया,जबकि अब्दुल का कोई पुत्र नहीं था सिर्फ एक पुत्री थी। जिलाधिकारी सोनिका की कोर्ट में इसके विभिन्न प्रमाण रखे गए। जिसमें खेवट संख्या 47 से पता चला की अब्दुल के नाम पर 05 बीघा 14 बिस्वा भूमि थी। इसमें से अब्दुल ने 03 बीघा भूमि अपने पास रखते हुए शेष अपने जीवनकाल वर्ष 1937-38 में बंदोबस्त प्रक्रिया से पूर्व अपनी पुत्री गुजद्दनिशा व मुस्मात नसीबन के नाम कर दी थी। हालांकि, आजादी के दौरान पकिस्तान के अस्तित्व में आने के काफी बाद अब्दुल की संपत्ति पर कोई काबिज नहीं पाया गया, जिसके चलते इसे निष्क्रांत / कस्टोडियन घोषित करते हुए पकिस्तान से आए विस्थापित व्यक्तियों को आवंटित कर दी गई। आज इन संपत्ति पर आबादी है और भिन्न परिवार रह रहे हैं। शाहिद ने खेवट संख्या 47 के दस्तावेज प्राप्त किए और गिरोह के अन्य सदस्यों की मदद से खुद को अब्दुल रज्जाक का वारिश बना। इसी आधार पर राजस्व अभिलेखों में विरासत दर्ज की गई और खेवट-47, जिसकी जगह अब शेष नहीं है, उसकी जगह काबुल हाउस की संपत्ति खेवट – 62 को बताकर अधिकार जमा लिया।

 

अब शुरू होता है भू माफिया का खेल जिसने 

 काबुल हाउस की करीब 400 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने के लिए सारे जोड़ तोड़ करने शुरू किए। वर्ष 2007 में नैनीताल हाई कोर्ट के केस को जिलाधिकारी को रिमांड करने के बाद भी इसका निस्तारण नहीं करने दिया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से न सिर्फ इस संपत्ति को सहारनपुर निवासी अब्दुल रज्जाक के नाम दर्शाकर मो. साहिल खालिद को फर्जी वारिश बना दिया गया। इसके बाद तीसरे व्यक्ति मो. आरिफ खान के नाम पावर आफ अटार्नी बनाकर संपत्ति पर रजिस्ट्री भी करानी भी शुरू कर दी गई। यहां यह भी बताते चले कि काबुल हाउस के याकूब की 1921 में हुई मृत्यु के बाद उनके वारिस छोड़ भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे।

जिलाधिकारी सोनिका की कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह तथ्य रखे गए कि काबुल हाउस के मालिक याकूब खान की मृत्यु वर्ष 1921 में हो गई थी। इस क्रम में उनके वंशज सरदार मो. आजम खान, सरदार अली खान, सुल्तान अहमद खान के नाम नगर पालिका के असेसमेंट वर्ष 1934-37, वर्ष 1943-1948 में अंकित हैं। यह भी उल्लेख किया गया कि अमीर आफ काबुल याकूब खान के वंशजों ने वर्ष 1947 में भारत छोड़ दिया था। जिसके बाद भूमि को रिक्त घोषित कर दिया गया। वर्ष 1958 में उत्तर प्रदेश सरकार में जांच के बाद लावारिश संपत्तियों को कस्टोडियन एक्ट-1950 प्रविधानो के मुताबिक निष्क्रांत संपत्ति घोषित कर नगर निकायों के रिकार्ड में कस्टोडियन दर्ज किया गया। यहीं, से सवाल उठा कि जब भूमि कस्टोडियन में दर्ज है तो मो. शाहिद इसका अधिकारी कैसे हो सकता है।

जिलाधिकारी के आदेश के मुताबिक वर्ष 1937-38 में बंदोबस्त के समय शहरी क्षेत्रों में एक ही खसरा नंबर राजस्व रिकार्ड में अंकित किया जाता था। इससे यह हुआ कि तत्कालिक शहरी क्षेत्रों में यह स्पष्ट नहीं हो पाता था कि किस खेवट का खसरा नंबर क्या है । शहरी क्षेत्र के देहरादून में बंदोबस्त की संवैधानिक प्रक्रिया न होने के चलते वर्ष 1947 में देश के बंटवारे के बाद राजस्व रिकार्ड में कस्टोडियन संपत्ति दर्ज नहीं हो पाई। ऐसी संपत्ति का अंकन मुस्लिम समाज की भूमि के रूप में किया गया। अभिलेखीय परीक्षण में पाया गया कि यही भूमि कस्टोडियन से संबंधित है। इस आधार पर भी काबुल हाउस की संपत्ति से मो. साहिल खालिद की विरासत खारिज कर दी गई।

 

काबुल हाउस की संपत्ति को हड़पने के लिए भूमाफिया गिरोह ने हाई कोर्ट द्वारा साल 2007 में दिए गए स्टे के बाद भी फर्जीवाड़ा कर डाला। और तो और सिविल कोर्ट पंचम को हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी न देकर अपने पक्ष में स्टे प्राप्त कर लिया। जिला शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि सिविल कोर्ट पंचम के डिक्री आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में सरकार ने अपील दायर की गई। जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकृति दी है और यह प्रकरण लंबित है। जबकि सरकार के विरुद्ध डिक्री हाई कोर्ट द्वारा वर्ष 2007 में दिए गए आदेश को छिपाते हुए प्राप्त की गई है, इसलिए सिविल कोर्ट का आदेश निष्प्रभावी माना जाएगा। साथ ही मो. खालिद की विरासत खारिज होने की दशा में उनके समस्त विक्रय पत्र भी शून्य माने जाएंगे।

 जिलाधिकारी सोनिका की कोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि काबुल हाउस की संपत्ति पर भूमाफिया ने 30 रजिस्ट्री की हैं। इसी के आधार पर यहां 17 लोग अवैध रूप से कब्जा करके बैठ गये। जिलाधिकारी ने आदेश दिए कि सभी विक्रय पत्र कब्जे में लिए जाएं और साथ ही इस बात की भी जांच की जाए कि मो. शाहिद का नाम सरकारी रिकार्ड में किन कार्मिकों आदि की मिलीभगत से दर्ज कराया गया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मो. खालिद व उनके सहयोगियों के विरुद्ध आपराधिक वाद दर्ज कराया जाए और आदेश की प्रति अलग से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी जाए।

जिलाधिकारी की सुनवाई में पाया गया कि शाहिद की मिलीभगत के आरोपी भगवती प्रसाद उनियाल, धनबहादुर, ज्ञानचंद व अन्य व्यक्ति अन्य कस्टोडियन संपत्ति 56-हरिद्वार रोड पर भी काबिज़ हैं। यहां इन्होने खुद को किराएदार बताया है, जबकि सभी के अपने- अपने मकान हैं। काबुल हाउस में भी यह लोग इसी तरह काबिज हुए और संपत्ति को खुर्दबुर्द करना शुरू कर दिया।

Tags: daily Uttarakhand news in Hindilatest updated Uttarakhand news in Hindilatest Uttarakhand news in Hindiuttarakhand news in hindi
Previous Post

जालसाजी : सुंदर लड़कियों की Instagram से चुराई फोटो, कॉल गर्ल बताकर 800 लोगों से लूट लिए करोड़ों

Next Post

मौत का पंजा : संकरी सड़क के किनारे खड़ी है मौत की दीवार, स्टूडेंट्स के लिए टला नहीं खतरा अभी…..

Next Post
मौत का पंजा : संकरी सड़क के किनारे खड़ी है मौत की दीवार, स्टूडेंट्स के लिए टला नहीं खतरा अभी…..

मौत का पंजा : संकरी सड़क के किनारे खड़ी है मौत की दीवार, स्टूडेंट्स के लिए टला नहीं खतरा अभी…..

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RECOMMENDED NEWS

आशिकी :पति ने पकड़ा रंगेहाथों अपनी शिक्षिका पत्नी को दूसरे शिक्षक के साथ रंगरेलियां मनाते हुए

आशिकी :पति ने पकड़ा रंगेहाथों अपनी शिक्षिका पत्नी को दूसरे शिक्षक के साथ रंगरेलियां मनाते हुए

2 years ago
सचिवालय : उपनल कर्मचारी ने अनु सचिव पर तानी दी बंदूक, फिर हुआ यह…

सचिवालय : उपनल कर्मचारी ने अनु सचिव पर तानी दी बंदूक, फिर हुआ यह…

5 months ago

कार्यवाही : पुलिस चौकी मे चल रही थी दारू पार्टी, तीन सिपाही निलंबित

2 years ago
बड़ी खबर: अंकिता भंडारी हत्याकांड में आया नया मोड़…………

बड़ी खबर: अंकिता भंडारी हत्याकांड में आया नया मोड़…………

2 years ago

BROWSE BY CATEGORIES

  • Uncategorized
  • अपराध
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • हाईकोर्ट न्यूज
  • हादसा
  • हेल्थ

POPULAR NEWS

  • खुशखबरी :- उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खोला युवाओं के लिए नौकरीयों का पिटारा

    खुशखबरी :- उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने खोला युवाओं के लिए नौकरीयों का पिटारा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • खुशखबरी : आउटसोर्सिंग के माध्यम द्वारा होने जा रही हैं उत्तराखंड में बड़ी भर्तियां

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ब्रेकिंग : 2 अगस्त से आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों के लिए बड़ी अपडेट , शिक्षा मंत्री से इन दो मांगों पर बनी सहमति

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बिग ब्रेकिंग : विवादित मशरूम गर्ल दिव्या रावत गिरफ्तार

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ब्रेकिंग : पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट से अहम खबर

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Uk Details

Uk Details

Uk Details

News & Media Website

Uk Details is a News & Media Website .

Follow us on social media:

Recent News

  • राज्य स्थापना दिवस : ‘उत्तराखंड’ केवल नाम बदला काम नहीं, बेरोजगारों को कोई दाम नहीं
  • अवैध कब्जों को लेकर रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, पीएम को भेजा ज्ञापन
  • डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला मानद डॉक्टर आफ साइंस (Honorary DSc.) उपाधि सम्मान के लिए नामित

Category

  • Uncategorized
  • अपराध
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • हाईकोर्ट न्यूज
  • हादसा
  • हेल्थ

Recent News

राज्य स्थापना दिवस : ‘उत्तराखंड’ केवल नाम बदला काम नहीं, बेरोजगारों को कोई दाम नहीं

राज्य स्थापना दिवस : ‘उत्तराखंड’ केवल नाम बदला काम नहीं, बेरोजगारों को कोई दाम नहीं

November 9, 2025
अवैध कब्जों को लेकर रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, पीएम को भेजा ज्ञापन

अवैध कब्जों को लेकर रीजनल पार्टी का प्रदर्शन, पीएम को भेजा ज्ञापन

November 9, 2025
  • Privacy Policy
  • Term & Condition
  • Contact

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • ट्रेंडिंग
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • हेल्थ
  • हादसा
  • हाईकोर्ट न्यूज
  • अपराध
  • खेल

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.