NCTE द्वारा उत्तराखंड के 45 बीएड कॉलेजों को एनसीटीई एक्ट 1993 के सेक्शन-17 के तहत कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कॉलेजों को कहा गया है कि अपनी नियमावली के मुताबिक सभी जानकारियां NCTE को उपलब्ध कराएं। जिनमें कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर, जमीन, एफडी से लेकर छात्रों की संख्या, शिक्षकों का वेतन आदि भी शामिल हो।उत्तराखंड के बीएड, बीपीएड कराने वाले कॉलेजों द्वारा इसमें काफी लापरवाही बरतने के चलते परिषद ने NCTE एक्ट 1993 के सेक्शन-17 के तहत इन सभी कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय व देव संस्कृति विवि को भी NCTE द्वारा 15 दिन का पहला कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। प्रदेश में कुल 45 कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, और इनका जवाब न देने पर NCTE इनकी मान्यता खत्म कर सकता है।
नैनीताल जिले के काठगोदाम स्थित धंइंस्पिरेशन कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन की अगले सत्र की बीएड की मान्यता NCTE द्वारा खत्म कर दी गई है। अगले साल यहां बीएड के दाखिले नहीं हो पाएंगे। कॉलेज द्वारा विवि की ओर से जारी फैकल्टी का पत्र, ओरिजनल एफडीआर, कंपोजिट संस्थान होने के प्रमाण, शिक्षकों व , कर्मचारियों को दिया जाने वाले वेतन के प्रमाण NCTE को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। जिसके चलते इस कॉलेज को पहले 15 दिन का कारण बताओ नोटिस दिया गया था। जिसका जवाब न मिलने पर सात दिन का अंतिम नोटिस भी जारी किया गया था।अब NCTE ने लापरवाही के लिए एक्ट के सेक्शन-17 के तहत कॉलेज की सत्र 2024-25 की मान्यता खत्म कर दी है
NCTE द्वारा राज्य के 13 और बीएड कॉलेजों को सात दिन की अवधि का अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अगर इन कॉलेजों ने भी समय से जवाब न दिया और NCTE के अधिकारी उन जवाबों से संतुष्ट न हुए तो इन सभी की मान्यता परिषद की अगली बैठक में खत्म हो सकती है।इसके अलावा 32 बीएड कॉलेजों को पहला कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
“गढ़वाल विवि की ये कमियां आई सामने”
गढ़वाल विवि ने अभी तक NCTE को उस बिल्डिंग से संबंधित जानकारी नहीं दी है, जिसमें BEd. पढ़ाया जाता है। जैसे जमीन के कागजात, बिल्डिंग का ब्लू प्रिंट, लैंड यूज सर्टिफिकेट, साइट प्लान, फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट, विशेष आवश्यकता वालों के लिए सुलभ इमारत होने का प्रमाण पत्र, कार्यरत फैकल्टी की सूची, वेतन आदि की जानकारी।
NCTE की यह कार्रवाई बीएड कॉलेजों के लिए एक चेतावनी है कि यदि कॉलेज उसकी की मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता खत्म हो सकती है। यह छात्रों के हित में है कि वह ऐसे कॉलेज में एडमिशन ले जो NCTE से मान्यता प्राप्त हो।