कल शनिवार को बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ के पास पहाड़ के दरकने से सड़क का करीब 20 मीटर का हिस्सा बह जाने के कारण रास्ता बंद हो गया, जिससे घंटो तक यात्रियों को वही फंसना पड़ा। सीमा सड़क संगठन द्वारा यात्रियों की सुविधा को देखते हुए वाहनों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की गई परंतु नाले में पानी अधिक होने के कारण छोटे वाहन अभी भी वहीं फंसे हुए हैं।पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों की मौजूदगी में यात्रा वाहनों की आवाजाही करवाई जा रही है। शुक्रवार रात से भारी बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे का करीब 20 मीटर हिस्सा टूट गया।पहाड़ के दरकने से पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर हाईवे पर आ गए। पुलिस प्रशासन को शनिवार सुबह लामबगड़ हाईवे पर मलवा के कारण रास्ता अवरुद्ध होने की सूचना मिली। रास्ता बंद होने के चलते हजार तीर्थ यात्रियों को पांडुकेश्वर और लामबगड़ में ही रोक लिया गया तथा 500 की करीब यात्रियों को बद्रीनाथ धाम में ही रोक लिया गया था। सीमा सड़क संगठन की ओर से बारिश धीमी होने पर जेसीबी से हाईवे को खोलने का काम शुरू किया गया। जिसमें काफी मशक्कत करनी पड़ी और लगभग 3:00 के आसपास वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई।
दूसरी तरफ भारी बारिश के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे के बंद और खुलने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। यमुनोत्री हाईवे ओजरी – डाबरकोट में मलबा आने के कारण करीब 6 घंटे रहा बंद | जिसे एनएच की मशीनरी ने आवाजाही के लिए खोला। गंगोत्री हाईवे भी धरासू के समीप करीब चार घंटे बंद रहा। जिसे सीमा सड़क संगठन द्वारा आवाजाही के लिए सुचारू करवाया गया। जिले में शनिवार सुबह से ही रूक-रूक बारिश होने के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर कई स्थानों पर बंद और खुलने का सिलसिला जारी है। हाईवे के बार-बार अवरुद्ध होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीमा सड़क संगठन की मशीनरी को भी आवाजाही सुचारू रूप से करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रदेश में अभी भी स्टेट हाईवे सहित 213 के लगभग सड़कें बंद हैं। लोनिवि के प्रमुख अभियंता दीपक यादव ने बताया कि पुलों और सड़कों को पूर्ववत स्थिति में लाने के लिए लगभग 30522.60 लाख रुपये खर्च करने होंगे। मानसून सीजन शुरू होने के बाद से 56 पुलों को भी नुकसान पहुंचा है।