गत रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास/ आधुनिकरण के लिए वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया था। परंतु हद तो तब हो गई जब सोमवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी के नाम का शिलापट्ट टूटा हुआ मिला। जिससे रेलवे के कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए और वहां हड़कंप मच गया।उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसको लगाने के दौरान श्रमिकों के हादसे छूट कर गिरने से टूट गया है।जबकि क्षेत्र के कुछ व्यक्तियों ने शिलापट्ट को शरारती तत्वों द्वारा तोड़े जाने के बारे में कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री मोदी को विकास के कार्य करते हुए नहीं देख सकते यह उनका ही काम है। रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल माध्यम से अमृत भारत मिशन योजना के तहत देश भर के 508 रेलवे के पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी ।इन स्टेशनों में उत्तराखंड से भी तीन स्टेशन चयनित किए गए थे । हर्रावाला ,रुड़की और लाल कुआं। इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे, में पीएम मोदी के नाम का शिलापट्ट तैयार करके स्टैंड पर रख कर शिलान्यास की सभी औपचारिकताएं पूरी की गई थी। इसके बाद सोमवार को इस शिलापट्ट को स्टेशन के अहाते में स्थापित किया जाना था। परंतु सोमवार सुबह यह शिलापट्ट टूटा हुआ मिला, जिस पर क्षेत्र के लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि शरारती तत्व जो नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री मोदी देश के विकास के लिए अच्छे काम करें उनके द्वारा ऐसा घृणित काम किया गया है।
रेलवे स्टेशन पर मौजूद रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि शिलापट्ट लगाने के दौरान श्रमिकों के हाथ से शिलापट्ट गिरकर टूट गया। उनके इस गैर जिम्मेदाराना कथन से कितनी लापरवाही झलकती है यह हैरान कर देने वाली बात है। ऐसे लापरवाह कर्मियों पर तो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मगर रेलवे के अधिकारी इस कृत्य पर मुंह बंद किए हुए बैठे हैं।