उत्तराखंड में प्रलयंकारी बारिश के थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आगामी 24 घंटों में कुमाऊं मंडल में भारी बारिश होने की संभावना जताई है तथा लोगों से घर में रहने की अपील करी है अति आवश्यक काम हो उन्हें पर ही बाहर जाने की सलाह दी है। राजधानी देहरादून सहित आठ जिलों में भी बारिश की संभावना जताई गई है। 15 जुलाई को नैनीताल चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। पिछले 5 दिनों से राज्य में हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है जिससे पहाड़ों में भूस्खलन होने के कारण आम आदमी का जीवन प्रभावित हुआ है। पहाड़ पर हो रही बारिश का अब मैदानी भागों में भी असर दिखाई देता नजर आ रहा है।
रुड़की में आज भारी बारिश के चलते मच्छी बाजार में एक दीवार गिरने से कई वाहन मलबे में दब गए। वहीं उत्तरकाशी में भूस्खलन की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार दो कावड़ियों में से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया। भारी बारिश को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया था जो आज मौसम खुलने के बाद एक बार फिर शुरू की गई और केदारनाथ के लिए 3000 श्रद्धालुओं को रवाना किया गया। यमुनोत्री व अन्य राजमार्गों के खुलने से भी यातायात शुरू किया गया है। इस राहत से इतना ही फायदा हुआ कि जो लोग बंद होने कारण फंसे हुए थे वह अपने गंतव्य को रवाना हो गए हैं।
कल फिर से मौसम खराब रहने बारिश कीकी संभावना जताई जा रही है। बदरीनाथ राजमार्ग अभी भी कई स्थानों पर बंद है तथा जोशीमठ के भटवाड़ी क्षेत्र में भू- धसाव की घटनाओं को लेकर लोग खासे चिंतित हैं। प्रदेश के लोगों को फिलहाल इस मानसूनी आफत से छुटकारा मिलने की उम्मीद अभी जल्दी मिलने वाली नहीं है।