आईएएस और आईपीएस अधिकारीयों की कालोनी को लेकर एडवोकेट विकेश नेगी ने आरटीआई के तहत बड़ा खुलासा करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
मामला विकासनगर नगर पालिका परिषद से आठ किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित पौंधा का है जहां भूमाफिया ने प्रदेश के कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस के साथ ठगी करते हुए उन्हें अवैध प्लाट बेच दिये। यह जमीन हरिजन की है और इसके लिए जिलाधिकारी से कोई अनुमति भी नहीं ली गयी थी।
सरकार को भी 300 इस बीघा जमीन में दिशा- एक और दिशा-दो के नाम से चल रहे इस प्रोजेक्ट में स्टाम्प ड्यूटी की भारी चपत लगाई गई है। गढ़वाल कमिश्नर ने जिलाधिकारी को इस मामले की जांच के आदेश दिये थे, लेकिन कई वरिष्ठ नौकरशाहों की संलिप्ता के कारण अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने इस मामले के आरटीआई से इस भूमि संबंधी दस्तावेज मांगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पौंधा में दिशा फारेस्ट के नाम से इंद्र सिंह बिष्ट, एस.सी माथुर समेत एक गिरोह ने संगठित तरीके से 150-150 बीघा जमीन के प्रोजेक्ट शुरू करते हुए इन्हें दिशा-वन और दिशा – टू नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस भूमि पर प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसरों की कालोनी बनाई जानी है।
एडवोकेट विकेश नेगी के मुताबिक यह कृषि भूमि पहले हरिजन के नाम थी और बाद में यह सरकार के अधीन रही। अब इसमें निजी कालोनाइजर शामिल हो गया। उन्होनें बताया कि इस जमीन पर लगभग डेढ़ हजार पेड़ थे। जिनको बिना अनुमति काट दिया गया था।
आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक यहां प्लाट खरीदने वालों में उत्तराखंड के कई मौजूदा आईएएस, आईपीएस, पूर्व आईएएस, समेत कई अन्य नौकरशाह और हाई प्रोफाइल लोग शामिल हैं। जिनके साथ जमीन खरीद के नाम पर यह ठगी की गई है। एडवोकेट विकेश नेगी ने बताया कि यह जमीन सरकार में निहित होनी थी, लेकिन दबाव के चलते अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इस भूमि की बैंक ने भी जांच करने के बाद रिपोर्ट में कहा गया कि पांच सेल डीड की जांच में पाया गया कि इसमें उत्तर प्रदेश भूमि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 157 ए का भी उल्लंघन किया गया है। इस जमीन को खरीदने-बेचने के लिए जिलाधिकारी की अनुमति चाहिए जो कि नहीं ली गयी।
एडवोकेट विकेश नेगी के बताया कि इस कालोनी में सर्किल रेट 6800 रुपये प्रति वर्ग मीटर है जबकि यहां केवल 5000 रुपये की दर से स्टाम्प वसूलकर सरकार को भी चूना लगाया गया है। इस भूमि को लेकर विकासनगर में सिविल कोर्ट में मामला चला था जिसमें बिल्डर एससी माथुर ने अपील की थी कि भूमि को उचित माध्यम से खरीदा गया है लेकिन अदालत ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। आरटीआई के दस्तावेजों के मुताबिक इस मामले में भूमि धोखाधड़ी समन्वय समिति पौड़ी गढ़वाल के अपर आयुक्त प्रशासन ने देहरादून के जिलाधिकारी को 2021 से 23 जुलाई 2022 लगातार पत्र भेजे कि इस मामले की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिये थे, लेकिन अब तक इस मामले की जांच नहीं हुई है।
एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार इस मामले में नौकरशाहों से भी ठगी हुई है। साथ ही जमीन खुर्द-बुर्द के साथ ही अवैध तरीके से डेढ़ हजार पेड़ काट दिये गये। उन्होंने कहा कि स्टाम्प ड्यूटी में भी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए