दो अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर जिले के रामपुर तिराहा में उत्तराखंड के आंदोलनकारियों पर पुलिस फायरिंग महिलाओं पर अत्याचार की घटना के बाद पुलिस की कार्यवाही को उचित दिखाई जाने के लिए आंदोलनकारियों से फर्जी हथियार बरामद करने के एक मामले में आज सीबीआई के पूर्व इंस्पेक्टर यशपाल सिंह जिन्होंने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी,के बयान आज विशेष अदालत में दर्ज किए गए। इस मामले में बृज किशोर सहित चार पुलिसकर्मी आरोपी हैं।
विशेष अदालत के न्यायमूर्ति न्यायाधीश मयंक जायसवाल ने अगली सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तिथि नियत की है। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने पैरवी करते हुए सीबीआई गवाह से जिरह की।
बताते चलें कि रामपुर तिराहा कांड में सीबीआई द्वारा जांच के दौरान कई मामले दर्ज किए थे जिनमें से एक मामला आंदोलनकारियों पर फर्जी हथियार रखने का भी आरोप लगाया गया था,जिसके बाद सीबीआई ने धारा 182,211,218 120 बी आई पी सी के तहत कोर्ट में मामला दर्ज किया था ।