रुद्रप्रयाग। केदारनाथ उपचुनाव को लेकर प्रदेश ही नहीं देश भर की निगाहें टिकी हैं। भाजपा ने जहां पूर्व विधायक आशा नौटियाल को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक और तहलका के पूर्व पत्रकार मनोज रावत पर दोबारा दांव खेला है। मनोज रावत स्वच्छ छवि के राजनेता हैं तो आशा नौटियाल भी जनता मे आम ग्रामीण महिला की स्वच्छ छवि है।
आम जनता में आशा नौटियाल अपनी ईमानदार छवि का फायदा तो मिलेगा ही साथ ही कैबिनेट मंत्रियों और स्टार प्रचारकों का प्रभाव भी मतदाताओं को प्रभावित करेगा।
भारतीय जनता पार्टी ने तमाम मंत्रियों को केदारनाथ उपचुनाव में प्रचार के लिए भेजा हुआ है। आशा नौटियाल भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वह भाजपा की मृतक आश्रितों को सीट देने की परंपरा को तोड़ने में कामयाब हुई है। सीट की दौड़ में लगी दिवंगत पूर्व विधायक शैला रानी रावत की सुपुत्री ऐश्वर्या रावत को भाजपा उच्च नेतृत्व ने दमदार प्रत्याशी नहीं माना।
हालांकि जनाधार देखा जाए तो आशा नौटियाल इस वक्त केदारनाथ सीट पर मजबूत दावेदार नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत भाजपा के दिग्गज आशा नौटियाल के प्रचार में लगे हुए हैं। दूसरी ओर मनोज रावत के साथ भी युवाओं की सिंपैथी है। अयोध्या और बद्रीनाथ में चुनाव हार चुकी भाजपा के लिए केदारनाथ उप चुनाव उनकी हिंदुत्व वादी छवि के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सीधा केदारनाथ चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं। ऐसे में उत्तराखंड सरकार की पूरी कैबिनेट एक विधानसभा सीट के चुनाव प्रचार पर लगी है। अब देखना दिलचस्प होगा की एक तरफ पूरी कैबिनेट और एक तरफ कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत!
हालांकि यह पब्लिक है सब जानती है।