हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय
विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से फेल छात्रों द्वारा डिग्री बनवाए जाने का मामला उजागर हुआ है। हालांकि विवि के संज्ञान में यह मामला आने पर छात्रों से डिग्री वापस मंगा ली गई है। इस मामले में विवि ने डाटा प्रोसेसिंग सेंटर के एक कर्मचारी को सेंटर से हटाने की कार्रवाई भी की है। पकड़ में आए कुल 18 मामले बीफार्मा व बीटेक पाठ्यक्रम के बताए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 व 2024 बैच के कुछ छात्रों की अलग अलग सेमेस्टरों में बैक लगी हुई थी, जबकि अंतिम सेमेस्टर में वह पास थे। इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अपनी डिग्रियां बनवा लीं। किसी तरह यह मामला
बीटेक व बीफार्मा के कुछ छात्रों की अलग-अलग सेमेस्टर में बैक लगी थी, लेकिन अंतिम सेमेस्टर में वह पास थे। इसका फायदा उठाते हुए बिना बैक क्लियर किए उन्होंने अपनी डिग्रियां बनवा लीं। जैसे ही यह मामला संज्ञान में आया विवि ने इसकी सूचना वेबसाइट में भी डाली व ऐसे छात्रों को डिग्रियों का उपयोग न करने के निर्देश दिए गए। ऐसी डिग्रियों को निरस्त कर दिया गया। इस मामले में डाटा प्रोसेसिंग सेंटर के सबंधित कर्मचारी की लापरवाही भी सामने आई है। जिसे उसके पटल से हटा दिया गया है। जांच में टंकण व मानवीय त्रुटि उजागर हुई है। प्रो. जेएस चौहान, परीक्षा नियंत्रक, गढ़वाल केंद्रीय विवि।
खुलासा होने पर विवि ने छात्रों से डिग्री वापस मंगावाई
गई।
मामला उजागर होने पर विवि के हाथ-पांव फूल गए। ऐसे छात्रों से संपर्क करने पर विवि ने उनसे डिग्रियां वापस मंगा ली।
विवि प्रशासन की ओर से इस मामले में एक कमेटी का गठन भी किया गया। विवि का कहना है कि कुछ विषयों के परीक्षाफल घोषित होने के पश्चात कुछ त्रुटियां संज्ञान में आई।