बागेश्वर जिले के एक गांव में फिर एक बार पालतू जानवरों में लंपी वायरस दिखाई देने से पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है।पिछले वर्ष भी लंपी वायरस ने भीषण तबाही मचाई थी। हरियाणा, पंजाब राजस्थान में तो जानवरों को दफनाने के लिए जमीन तक कम पड़ गई थी ।
अब ऐसे में पहाड़ों पर जहां इंसानों के लिए तक इलाज की सुविधाएं नहीं है तो आखिर किस तरह बीमारी बढ़ने पर जानवरों का इलाज हो पाएगा यह बड़ा सवाल हैं ।
लंपी वायरस को किसी भी तरह से नजरअंदाज करना पूरे उत्तराखंड के पशुपालकों के लिए खतरा बन सकता है, ऐसे में जरूरत है पशुपालन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गांव गांव जाकर जानवरों की जांच करें और यदि किसी भी जानवर में वायरस से लक्षण मिलते हैं तो सैंपल लेकर उस जानवर को किसी अलग जगह क्वॉरेंटाइन करना चाहिए ग्रामवासियों को भी जिम्मेदार बनने की ज़रूरत है।
ना सिर्फ राज्य सरकार, पशुपालन विभाग बल्कि बढ़ रही इस बीमारी को रोकने के लिए ग्रामवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी ताकि पहाड़ों के गांवों में पल रही गाय आदि जानवरों को इस वायरस से बचाया जा सके।
यदि किसी भी पशुपालक की गाय में यह लक्षण मिलते हैं तो उसे तत्काल संबंधित विभाग से वार्ता करने की जरूरत है और अपने पड़ोसियों को भी बताने की आवश्यकता है कि वायरस फैल रहा है जिससे सचेत रहें और अपने अपने जानवरों की सुरक्षा करें।देखिए फोटो में किस तरह बागेश्वर जनपद के एक गांव में लंपी वायरस के लक्षण दिखे हैं सूत्र यह भी बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व ही एक गाय की मृत्यु हुई हो चुकी है।