राजस्थान में ठगी और लूट का ऐसा अविश्वसनीय मामला सामने आया है जो आपको हैरान करने के साथ-साथ अंदर तक हिला कर रख देगा। यह गिरोह लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए इंस्टाग्राम से सुंदर लड़कियों की तस्वीर चुराकर, उनको कॉल गर्ल बताकर ग्राहकों को भेज देता था, और जब ग्राहक उनके झांसे में फंसे जाता था।तब उसे लड़की से मिलने के लिए बुलाकर उसे लूट लिया जाता था। राजस्थान के शहरी इलाके में ठगी और लूट के इस मामले में पांच लोगों का एक गिरोह कॉल गर्ल का लालच देकर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाता था और फिर लड़की से मिलने बुलाने के बहाने उन्हें बंदूक की बल पर लूट लेता था। उदयपुर में कई ऐसे मामले पुलिस के सामने आ चुके हैं। पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ करते हुए उसके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है।
इस गिरोह ने लोगों को कॉल गर्ल से मिलवाने का लालच देकर 6 महीने में करीब 800 लोगों को अपना शिकार बनाकर उनसे 5 करोड़ रुपये ठग लिए। इस गिरोह के सरगना ने एक ऐप बनाकर उसमें खूबसूरत लड़कियों की प्रोफाइल डालकर लोगों को ऑनलाइन कॉल गर्ल बुक करने का झांसा देता था और जैसे ही कोई उनसे संपर्क करता था तो वो उसे लड़की पहुंचाने के बहाने सुनसान इलाके में बुलाकर बंदूक के बल पर उसके साथ लूटपाट करते थे। उदयपुर पुलिस के अनुसार ‘सूचना मिली थी कि शहर में एक गिरोह सक्रिय है जो व्हाट्सएप पर लोगों को खूबसूरत लड़किया की तस्वीरें भेजता है। इसके अलावा, लड़कियां लोगों को बुकिंग के बहाने सुनसान जगहों पर बुलाती थीं और उन्हें लूट लेती थीं। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इस गिरोह के कई लोगों को अगस्त महीने में पकड़ा भी था। लेकिन फिर भी इस पर अंकुश लगाने में नाकाम रही। इसी क्रम में जांच के दौरान मास्टरमाइंड राकेश मीना ने पकड़े जाने के बाद बताया कि वह अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर कॉल गर्ल सप्लाई के लिए बनाई गई वेबसाइट TOTTAXX के जरिए पूरी धोखाधड़ी को अंजाम देता था।
आरोपी ने बताया कि दोनों इस वेबसाइट का एक पेज बनाते थे और जिस शहर में भी उन्हें धोखाधड़ी करनी होती थी, उसमें राजस्थान के किसी भी जिले में कॉल गर्ल उपलब्ध कराने की जानकारी दे दी जाती थी। राजस्थान में बैठा कोई भी व्यक्ति जब इस वेबसाइट को खोलता था,तो उस पर कॉल गर्ल इन उदयपुर, कॉल गर्ल इन जयपुर लिखा होता था।
आरोपी इन पेजों पर लड़कियों के इंस्टाग्राम प्रोफाइल से एक्सेस की गई तस्वीरें पोस्ट करते थे और उनके झूठे नाम बताए जाते थे। उनके जाल में फंसने वाले ग्राहकों का भरोसा हासिल करने के लिए वे ऑनलाइन पेमेंट की जगह कैश पेमेंट का विकल्प देते थे।