केंद्र सरकार देश के सभी कैंटोनमेंट बोर्डों को समाप्त करने के साथ ही कैंटोनमेंट बोर्डों की परिसंपत्तियों को भी स्थानीय निकायों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने देते हुए कहा गया है कि इसके बारे में सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी गई है।
यहां यह बताते चलें कि देशभर में करीब 100 से अधिक छावनी परिषद हैं। जिन -जिन शहरों में कैंटोनमेंट बोर्ड है वहां अक्सर नगर निगम और नगर पालिकाओं के साथ अधिकारों को लेकर टकराव और तकरार की स्थितियां बनी रहती है। अधिकतर कैंटोनमेंट बोर्ड में सैन्य अधिकारी छावनी क्षेत्रों में अपने तानाशाहीपूर्ण रवैए के चलते आम जनता के साथ भिड़ने को तैयार रहते हैं। आम रास्तों पर भी आम आदमी के आवागमन को लेकर भी आपत्तियों की जाती है तथा बोर्ड के अधिकार वाले क्षेत्रों में उनको किसी भी तरह की सामान्य गतिविधियां पसंद नहीं आती हैं। जिसके चलते आम आदमी को अक्सर कई तरह की समस्या और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिनकी शिकायतें रक्षा मंत्रालय तक भी पहुंचती रही हैं।
अजय भट्ट का कहना है कि इस विषय में रक्षा मंत्रालय के साथ ही राज्य सरकारों से भी केंद्र सरकार ने सुझाव मांगा है। केंद्र सरकार इन सुझावों का इंतजार कर रही है जिसके आधार पर कैंटोनमेंट बोर्डों को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। केंद्र सरकार देश के लगभग 100 छावनी परिषदों को समाप्त करना चाहती है तथा इन परिषदों की परिसंपत्तियों को भी निकायों के अधिकार क्षेत्र में देना चाहती है। हो सकता है कि अभी इसमें थोड़ा समय लग सकता है लेकिन केंद्र सरकार इसकी प्रक्रिया शुरू कर चुकी है तथा अंग्रेजों द्वारा स्थापित कैंटोनमेंट बोर्ड व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है।