तमिलनाडु के रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के डिब्बे में शनिवार तड़के आग लग गई। हादसे में कम से कम 10 यात्रियों की मौत हो गई। इस दौरान 20 अन्य यात्री घायल हो गए हैं। दक्षिणी रेलवे ने अवैध रूप से ले जाए गए गैस सिलेंडर को हादसे की वजह बताया है। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा भी की गई है।
बताया जा रहा है कि जिस डिब्बे में आग लगी, वह एक प्राइवेट पार्टी कोच यानी किसी व्यक्ति द्वारा बुक किया गया पूरा डिब्बा था। जिसमें सवार यात्री उत्तर प्रदेश के लखनऊ से मदुरै पहुंचे थे। इसे 25 अगस्त को नागरकोविल जंक्शन पर ट्रेन संख्या 16730 (पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस) में जोड़ा गया था। डिब्बे को अलग कर मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया गया था। इस डिब्बे में यात्री अवैध रूप से गैस सिलेंडर लेकर आए थे। जिसकी वजह से यह आग लगी।
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग बुझाने की कोशिशों में जुटे रेल कर्मियों के अलावा पुलिस, दमकल और बचाव कर्मियों ने डिब्बे से शवों को बाहर निकाला।आग लगने की भनक मिलने पर कई यात्री कोच से बाहर निकल गए। कुछ यात्री प्लेटफार्म पर ही उतर गए थे।
17 अगस्त को लखनऊ से यात्रा शुरू की गई थी और 27 अगस्त को चेन्नई जाने का कार्यक्रम था वहां से उनकी लखनऊ वापस लौटने का प्लान था। घटनास्थल पर बिखरे हुए सामान में एक सिलेंडर और आलू की एक बोरी मिलने से पता चलता है कि डिब्बे में ही खाना पकाया जा रहा था।
रेलवे के नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति IRCTC के पोर्टल का उपयोग करके प्राइवेट पार्टी कोच बुक कर सकता है, परंतु उसे डिब्बे में गैस सिलेंडर या कोई ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं होती है। कोच का इस्तेमाल केवल यात्रा उद्देश्य के लिए किया जा सकता है।