उत्तराखंड सचिवालय में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब दो अधिकारी जातिसूचक शब्दों को लेकर आपस में भिड़ गए मामला इतना बढ़ गया कि थाने तक पहुंच गया। अधिकारी अजय कुमार ने एसएसपी देहरादून को, अधिकारी राकेश कुमार के विरुद्ध शिकायत दर्ज की कि राकेश कुमार ने उनको जातिसूचक शब्द कह कर अपमानित किया। अजय कुमार ने एसएसपी से इस वाक्ये को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की ।
अजय कुमार ने बताया कि वह सचिवालय प्रशासन में समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं । उनका सचिवालय में चयन लोक सेवा आयोग हरिद्वार द्वारा आयोजित सीधी भर्ती द्वारा वर्ष 2011 में हुआ था ।
राकेश जोशी 2018 में सचिवालय संघ के कार्य कारिणी में महासचिव बने । वर्तमान में राकेश जोशी समीक्षा अधिकारी के पद पर जलागम अनुभाग में कार्यरत है ।
अजय कुमार ने राकेश जोशी पर आरोप लगाया कि राकेश जोशी द्वारा दलित जाति का होने के कारण अजय कुमार से जातीय बैर रखते हैं। इसी के चलते उनके द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करके उन्हें अपमानित किया गया हैं, जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न और समाज में भी छवि खराब हुईं हैं।
अजय कुमार ने यह भी बताया कि राकेश जोशी ने सचिवालय संघ में महासचिव निर्वाचित होते ही अजय कुमार को अनुसूचित जाति का व्यक्ति कोषाध्यक्ष निर्वाचित होने के कारण उनके कार्यकाल के संबंध में गबन / वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए। जो बाद में जांच होने पर झूठे व निराधार पाए गए।
वही दूसरी तरफ राकेश जोशी का कहना है की अजय कुमार ने जो भी बात कही है वो सब झूठी है। उन्होने कभी भी अजय कुमार को कुछ भी जाति सूचक शब्द नही कहे हैं। उन्होने कहा की अब सचिवालय में चुनाव होने वाले हैं। इसलिए अजय कुमार अब उनके बारे में ऐसी बाते कर रहे हैं।
अब इस मामले में सच का पता तभी चलेगा जब जांच होगी क्योंकि मामला थाने तक पहुंच चुका है। अब दिलचस्प बात यह है कि पुलिस इस मामले में किस तरह कार्यवाही करती है और करती भी है कि नहीं।