विदेश में जाकर पढ़ने वालों के साथ समय-समय पर फ्रॉड होते सुनाई देते रहें ताजा मामला कनाडा का है जहां भारतीय छात्रों के निर्वासन मामले की गूंज सड़क से सदन तक सुनाई दे रही है।वहीं इस मामले में बड़ा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार देश में शिक्षा ग्रहण कर रहे लगभग 700 भारतीय छात्रों का मूल्यांकन करेगी जो ‘फर्जी प्रवेश पत्र’ के आधार पर निर्वासन का सामना कर रहे हैं। उन्होंने संसद में कहा कि हमारा ध्यान दोषियों की पहचान करने पर है, ना कि पीड़ितों को दंडित करने पर।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के उन मामलों से अच्छी तरह वाकिफ हैं जिन्हें फर्जी कॉलेज प्रवेश पत्रों के कारण निष्कासन का सामना करना पड़ रहा है।पीएम ने कहा कि हम छात्रों द्वारा हमारे देश के लिए किए गए योगदान से बखूबी वाकिफ हैं और सरकार धोखाधड़ी के शिकार लोगों के साथ है।दरअसल पीड़ित छात्रों के भविष्य को लेकर सिख मूल के एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने संसद में चिंता जाहिर की थी, इस पर पीएम ने जवाब देते हुए कहा कि फ्रॉड का शिकार छात्रों को अपनी स्थिति के बारे में बताने और सबूत पेश करने का अवसर दिया जाएगा। कैनेडियन बॉर्डर सर्विस एजेंसी (सीबीएसए) ने बताया कि 700 से ज्यादा भारतीय छात्र निर्वासन के लिए मजबूर हैं। सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉलेज का जो प्रवेश पत्र उन्हें दिया गया था वो नकली है।उन्हें अपने साथ हुए इस फ्रॉड का पता उनको तब चला जब उन्होंने यहां स्थायी निवास के लिए आवेदन किया।इसके बाद सभी छात्र 29 मई से सीबीएसए के हेड ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।