सरकार की लापरवाही का नतीजा देहरादून के जिला चिकित्सालय के हड्डी रोग विभाग में देखने को मिल रहा है। हड्डी रोग विभाग में भर्ती मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। हड्डी रोग के मरीजों को आयुष्मान कार्ड होने के पश्चात भी खुद इप्लांट खरीद कर लाने पड़ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने इप्लांट की खरीद के लिए टेंडर निकाले थे, पर कोई कंपनी सामने नहीं आई है। अभी तक कोई विकल्प भी अधिकारी नहीं बना पाए हैं जिससे हड्डी रोगियों को सुविधा दी जा सके।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना को लेकर सरकारी हॉस्पिटल में भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है। जिले के दूसरे बड़े सरकारी हॉस्पिटल कॉर्पोरेशन में भी व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। हड्डी रोग के मरीजों को आयुष्मान योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में रोजाना करीब 800 से 1000 तक ओपीडी होती है। मरीजों का यह दबाव लगभग सभी विभागों पर दिखता है। आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को मुफ्त की सुविधा मिलनी चाहिए पर ऐसा धरातल पर होता नहीं दिख रहा है। जबकि इस समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन के सामने सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार रखा गया है, परंतु अभी तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। आयुष्मान कार्ड धारक हड्डी रोगियों को खुद इंप्लांट खरीद कर लाना पड़ रहा है जिस पर उनके 10 हजार से -40 हजार तक खर्च हो रहे हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर शिखा जंगपानी का कहना है कि इंप्लांट के लिए टेंडर किया गया पर कोई कंपनी सामने नहीं आई है। दोबारा टेंडर प्रक्रिया की जा रही है, उम्मीद है कि जल्दी समस्या दूर हो जाएगी।