मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले का है जहां एक युवक ने अपनी ससुराल में आत्महत्या कर ली। मामले सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति, जनजाति, अत्याचार निवारण अधिनियम सुधाकर राय के न्यायालय द्वारा आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के लिए आरोपी के दो सालों(पत्नी के भाईयों) को अग्रिम जमानत नहीं दी गई। कोर्ट ने दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
बताया जा रहा है कि अलीगढ़ निवासी रवि कुमार को उसकी ससुराल वालों ने जो ग्राम अहरौली में रहते हैं ने धोखे से उसको घर पर बुला लिया।उसके ससुराल आने के बाद ससुराल वाले उसे वहीं रहकर ही काम काज करने के लिए दबाव बनाने लगे। परंतु उसे घर जमाई बनकर रहना किसी भी सूरत में पसंद नहीं था। लेकिन उसकी पत्नी के भाई उसकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रवि कुमार के सालों(पत्नी के भाइयों) आनंद, सचिन, भारत और मुकुल के लगातार दिए जा रहे दबाव से वह परेशान रहने लगा था। उसने अपने घर फोन करके इस बारे में जानकारी भी दी गई थी। उसने अपने घरवालों को बताया कि वो एक दो दिन में लौट आएगा। घरवाले उसके आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें ऐसी खबर मिली की वहां कोहराम मच गया।
बताया जा रहा है कि ससुराल वालों के उत्पीड़न से परेशान हो कर रवि कुमार ने 11 जून की रात को बाथरूम में आत्महत्या कर ली। इस मामले में कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। आरोपी सचिन और भारत ने अपनी जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।