कांति राम जोशी के पक्ष में पेश की गई पुलिस की अंतिम जांच रिपोर्ट को भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने किया खारिज, रहना होगा जेल में।
कांति राम जोशी सहायक निदेशक जो गबन के मामले में 6 महीने से जिला कारागार टिहरी में बंद है की मुश्किलें और बढ़ा तय हैं। गौरतलब है कि कान्तिराम जोशी, तत्कालीन अपर जिला विकास अधिकारी ,समाज कल्याण, ने जनपद देहरादून में पर रहते हुए अनुसूचित जाति की दुकानों के आवंटन में फर्जीवाड़ा करते हुए अपात्र लोगों को दुकानों का आवंटन कर दिया गया था।
जिलाधिकारी, देहरादून ने इस मामले की जांच करते हुए जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। शासन द्वारा वर्ष 2019 में इस मामले में कान्तिराम जोशी के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिये गये थे तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, देहरादून द्वारा शासन के आदेश के क्रम में थाना डालनवाला (देहरादून) में कान्तिराम जोशी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान कान्तिराम जोशी के विरुद्ध शासन से अनुमति प्राप्त करने के बाद भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में विवेचना की अनुमति मांगी थी। विवेचक द्वारा इस मामले में अन्तिम जांच रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल कर दी गई।
भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय देहरादून द्वारा 11 अगस्त, 2023 को इस मामले में विवेचक द्वारा लगाई गई अन्तिम जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए पुलिस को विवेचना करने के आदेश दे दिये गये हैं। न्यायालय द्वारा इस प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 14 सितम्बर की तारीख नियत की गई है।
चूंकि इस प्रकरण की विवेचना अब न्यायालय की देखरेख में होनी है, ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस द्वारा अब इस मामले की विवेचना में लापवाही नहीं की जायेगी।
कान्तिराम जोशी का यह दूसरा मामला है जिसमें पुलिस की अन्तिम जांच रिपोर्ट को न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई है। पहला मामला जनपद टिहरी का है जहां पर कान्तिराम जोशी के गबन के मामले में पुलिस द्वारा उसे क्लिन चीट दे दी गई थी। इस मामले में न्यायालय द्वारा पुलिस की अन्तिम जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए प्रकरण का स्वयं संज्ञान लेते हुए कान्तिराम जोशी को जेल भेज दिया गया। देहरादून के मामले में भी न्यायालय के कड़े रुख से साफ दिखाई दे रहा है कि इस मामले में भी आने वाले दिनों में कान्तिराम जोशी की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।