पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर किए गए पेड़ों के कटान और बिना शासन की स्वीकृति लिए,किए गए निर्माण कार्य में अनियमितताओं के मामले में सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को करीब 8 घंटे तक पाखरो रेंज में जांच पड़ताल करके सबूत इकट्ठे किए।
इसी बीच सीबीआई द्वारा कालागढ़ टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट वनप्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी और एसडीओ से भी जानकारियां ली गई। सीबीआई टीम के पहुंचते ही विभाग में हड़कंप मच गया यह कार्यवाही सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक चली इसके बाद ही सीबीआई टीम वापस लौटी इस दौरान ना तो किसी बाहारी व्यक्ति को रेंज में जाने दिया ना किसी को बाहर आने दिया गया। यह मामला पूर्व में सामने आया था, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इसकी जांच सौंप थी। सीबीआई द्वारा दो दिन तक वन मुख्यालय में वन अधिकारियों से भी पूछताछ की और काफी दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेकर शुक्रवार को कोटद्वार मार्ग से होते हुए कालागढ़ के पाखरो रेंज पहुंची और सबूत इकट्ठा करके वापस लौटी।
यहां यह भी बताते चलें कि इस प्रकरण में आरोपित तत्कालीन डीएफओ किशन चंद सहित दो आरोपियों पर पिछले हफ्ते ही मुकदमा दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच के आदेश सीबीआई को दिए थे। जिसके बाद मुकदमा मुकदमा दर्ज करने के बाद शुक्रवार शाम को ही हरिद्वार में आरोपित किशन चंद के घर और देहरादून में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर दबिश दी गई थी, और कई दस्तावेज कब्जे में लिए गए थे
सीबीआई की टीम के पहुंचने के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है और यह अधिकारी आपस में एक दूसरे का फोन भी नहीं उठा रहे हैं केवल व्हाट्सएप के माध्यम से ही एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं बड़े स्तर पर किए गए इस फर्जीवाद में के अधिकारियों के फंस मेंने की संभावना नजर आ रही है।