राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बेरोजगार संगठन के प्रदर्शन के बाद अब राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गंभीर मुकदमे दर्ज कर दिए हैं।
मामले में पुलिस की कठोर कार्रवाई में 25 को नामजद और उसके बाद 60 के खिलाफ अन्य गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज किया है।
इन मामलों में बलवा, सहित अन्य गंभीर धाराएं हैं
पुलिस का तर्क है कि 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के दिन बेरोजगार संगठन के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया था, लेकिन इसके लिए शासन-प्रशासन से उनके द्वारा पहले में कोई अनुमति नहीं ली गयी थी, शान्ति और कानून व्यवस्था के मद्देनजर सभी प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला बैरियर पर रोका गया, जिस पर बेरोजगार संगठन के कार्यकर्ता राम कण्डवाल के नेतृत्व में अन्य कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो पुलिस ने आरोप दर्ज कर दिया। सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गई। जिस कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की काफी लम्बी कतारें लग गई। जिसमें बुजुर्ग, बीमार व्यक्ति, छोटे स्कूली बच्चे और एम्बुलेंस वाहनों को अपने गंतव्य स्थान जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बेरोजगार संगठन द्वारा बिना अनुमति के इस प्रकार के आयोजन से आम-जनमानस को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ा।
इसी बात को लेकर पुलिस ने इन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी लगातार सुर्खियों में हैं।
बेरोजगारों में भी सरकार की प्रति आक्रोश है। अब क्या कार्रवाई होती है यह देखना दिलचस्प होगा, सरकार शासन की सुनेगी या बेरोजगारों की!