लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही योगी पुलिस अपराधियों के लिए फिर से एक्शन में आ गई है।
यूपी के जौनपुर में पुलिस की बदमाशों के साथ मुठभेड़ होने की खबर सामने आई है। मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश मारा गया है। यह वही बदमाश बताया जा रहा है जो पत्रकार प्रिंस श्रीवास्तव हत्याकांड में शामिल था।
इस एनकाउंटर में पुलिस के दो सिपाहियों के घायल होने की बात भी सामने आई है, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।
मारे गए अपराधी पर हत्या और डकैती समेत करीब दो दर्जन से ज्यादा केस चल रहे थे और लंबे समय से फरार चल रहा था। घटना जौनपुर के खेतासराय थानाक्षेत्र की है। बदमाश का नाम प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस बताया जा रहा है। वह पिछले 7 साल से फरार चल रहा था। पुलिस ने इस अपराधी पर एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
13 मई को हुआ था पत्रकार का मर्डर
शाहगंज थानाक्षेत्र में 13 मई को पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या कर दी गई थी। इस मर्डर को अभियपक्त प्रिंस और उसके साथियों द्वारा अंजाम दिया गया था। एनकाउंटर में मारे गए बदमाश के पास पुलिस को, एके-47 और 9 एमएम का एक असलहा बरामद हुआ है।
दस लाख रुपए सुपारी लेकर करी थी पत्रकार की हत्या
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्याकांड का आरोपी प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस आज मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिया गया। बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम था और लगभग 7 साल से फरार बताया जा रहा था।
पत्रकार हत्याकांड के आरोपी को निपटाने के बाद एक और बड़ी कामयाबी पुलिस के हाथ लगी है। वह यह है कि मृतक पत्रकार की हत्या कराने के लिए मारे गए इनामिया बदमाश प्रिंस को 10 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। यह सुपारी इसे गो-तस्करों ने दी थी। साथ ही यह भी सामने आया है कि जो पिस्टल बदमाश के पास से बरामद हुई उसी से पत्रकार हत्याकांड को अंजाम दिया गया था।
परिवार के लोगों ने इस मैटर में शाहगंज थाने के गो-तस्कर जमीरुद्दीन और हाशिम समेत चार लोगों पर नामजद मुकदमा लिखवाया था। घरवालों ने ये आरोप भी लगाया था कि इलाके की एक जमीन, जिस पर पहले तालाब था, इस पर कब्जा कर मदरसा बनाया जा रहा था। पत्रकतार ने इसका विरोध किया तो पहले धमकी मिली बाद में हत्याकांड को अंजाम दिला दिया गया।
पुलिस ने इस मामले की जांच की और शूटरों की तलाश की। जिसके बाद आज 5 जून सुबह जौनपुर के खेतासराय में एक लाख के इनामी शूटर प्रशांत उर्फ प्रिंस मुठभेड़ में मारा गया। मारा गया अपराधी जौनपुर का ही रहने वाला था और भाड़े पर हत्या व डकैती जैसी वारदातों को अंजाम देता था। इस पर 37 के करीब जघन्य अपराध होने की बात कही जा रही है। इससे 2 साल पहले इसके साथी प्रशांत को पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया था। इसके एक साथी कल्लू फौजी ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया था।
जौनपुर एसपी अजय पाल शर्मा ने भड़ास को बताया कि, “पुलिस दल को जांच के दौरान जो नंबर सर्विंलांस में मिले उसमें एक नंबर प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस का पाया गया। बीते सात वर्षों से अपराधी पुलिस की आँखों में धूल झोंक रहा था क्योंकि उसकी न तो कोई तस्वीर पुलिस के पास थी और न ही कोई उसे पहचानता हू था। जिसके चलते वह हर बार घटना को अंजाम देकर बच निकलता था, लेकिन इस बार उसके मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए.”
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पत्रकार हत्याकांड को अंजाम देने के लिए प्रशांत को 10 लाख रुपये की सुपारी जौनपुर के ही गो-तस्कर जमीरुद्दीन व हाशिम द्वारा दी गई थी। वारदात में इसके एक अन्य साथी के भी शामिल होने की जानकारी सामने आई है। जिसकी जानकारी पुलिस को मिल चुकी है, उसे जल्द अरेस्ट किया जाएगा।
वहीं इस मामले का एक आरोपी जमीरुद्दीन जो नाटकीय ढंग से पुलिस हिरासत से खंडवा रेलवे स्टेशन से फरार हो गया था, पुलिस ने उसे बाद में खंडवा रेलवे स्टेशन से पकड़ा था। जमीरुद्दीन को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।