उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक महिला को मजबूरी में नदी किनारे जुड़वां बच्चों को जन्म देना पड़ा। घर के लोग और आशा वर्कर उसे अस्पताल ले जा रहे थे जो कि वहां से लगभग 25 किलोमीटर दूर था।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक महिला ने मजबूरी में जबुजा नदी के तट पर जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, जिसमें से एक बच्चा मृत निकला। 35 साल की महिला को परिजन गुरुवार को ‘डोली’ (पालकी) के जरिए निकटतम अस्पताल ले जा रहे थे, जो की लगभग 25 किलोमीटर दूर था। इसी बीच महिला को प्रसव पीड़ा हुई। यही कारण था कि नदी के किनारे डिलीवरी करवानी पड़ी। इनमें एक बच्चा मृत पैदा हुआ था।
रायसपाटा गांव की रहने वालीं हेमा देवी ग्रामीणों और एक आशा कार्यकर्ता के साथ थीं, जब उन्होंने फुली मोड़ पर सड़क तक पहुंचने की कोशिश की। यह गांव वाहन चलने लायक सड़क से 6 किलोमीटर दूर अंदर एक जंगल में स्थित है।
ग्रामीणों और आशा कार्यकर्ता का प्लान यहां से गौचर जाने का था, जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसव के लिए अन्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, रास्ते में असहनीय प्रसव पीड़ा की वजह से, उसे नदी तट पर प्रसव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा। जन्म के दौरान सहायता करने वाली आशा कार्यकर्ता पुष्पा देवी ने कहा, ‘दुखद परिस्थितियों के बावजूद, मां और जीवित बच्चे का स्वास्थ्य ठीक है।’ स्थानीय निवासी जीवन सिंह के अनुसार, रायसपाटा के लोग 2009 से सड़क की वकालत कर रहे हैं। सिंह ने कहा, ‘हेमा की कहानी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के खतरों को दिखाती है, जो कभी- कभी जीवन के लिए खतरा हो सकता है।’