20 वर्षीय एक दंपति को कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी है। साथ ही न्यायालय ने पति को 25 लाख रुपए स्थायी गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार के पुरुष और उत्तर प्रदेश के कानपुर की महिला (दोनों की उम्र 20 वर्ष) की शादी 2 मई 2019 को हुई थी। शादी के तुरंत बाद दोनों के बीच तनातनी हुई और दोनों शादी के 25 दिन बाद 27 मई 2019 को अलग हो गए। मध्यस्थता के माध्यम से मामले को सुलझाने के प्रयास विफल होने के बाद पत्नी ने दहेज निषेध अधिनियम में मुकदमा दर्ज करा दिया। 2021 मे हरिद्वार की परिवार अदालत ने पति को अपनी पत्नी को 20 हजार रुपए मासिक भरण-पोषण देने का निर्देश दिया, लेकिन पति इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इस निर्णय से असंतुष्ट पति ने हाई कोर्ट में मामले को चुनौती दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी और राकेश थपलियाल की खंड पीठ ने मामले के परीक्षण के बाद इसका निष्कर्ष निकाला कि, चूंकी दोनों पक्ष योग्य हैं, इसलिए यदि उन्हें इस रिश्ते से मुक्त नहीं किया गया तो यह क्रुरता होगी। उनके बीच सुलह की कोई गुंजाइश भी नहीं है। कोर्ट ने पति को 6 सप्ताह के भीतर 25 लाख रुपए गुजारा भत्ता राशि का भुगतान करने और 26 सितंबर तक अदालत को भुगतान की जानकारी देने का निर्देश दिया है।