दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को शराब नीति केस में देश की शीर्ष अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है। वह 21 मार्च से जेल में बंद हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है। जमानत अवधि में उन्हें चुनाव प्रचार की इजाजत होगी।
तिहाड़ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत मिलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर ट्रायल कोर्ट जाएगा। फिर ट्रायल कोर्ट में बेल बॉन्ड भरा जाएगा, जिसके बाद ट्रायल कोर्ट रिलीज आर्डर तैयार करके तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजेगा। ट्रायल कोर्ट का रिलीज ऑर्डर मिलने के बाद ही अरविंद केजरीवाल को जेल प्रशासन रिलीज करेगा।
इससे अब केजरीवाल चार (13 मई, 20 मई, 25 मई व 1 जून) चरणों के चुनाव प्रचार में हिस्सा ले सकेंगे। दिल्ली शराब नीति मामले में 51 दिन से जेल में बंद केजरीवाल के शुक्रवार शाम तक जेल से बाहर आने की संभावना है।
अंतरिम जमानत को लेकर 7 मई को पिछली सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत की शर्तें तय कर ली थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने ED से कहा था कि चुनाव चल रहे हैं और केजरीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव 5 साल में एक बार आते हैं। इसके बाद अदालत ने केजरीवाल से कहा कि अगर आपको जमानत दी जाती हैं, तो आप ऑफिशियल ड्यूटी नहीं करेंगे। चुनाव नहीं होते, तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। बेंच की अगुआई कर रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 8 मई को कहा था कि हम 10 मई को जमानत पर फैसला सुनाएंगे। इसके बाद 9 मई को ED ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। इसमें ED ने सुप्रीम कोर्ट के चुनाव वाले तर्क पर कहा कि केजरीवाल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इससे पहले किसी नेता को प्रचार के लिए न्यायिक हिरासत से जमानत नहीं मिली है। प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है। केजरीवाल की LEGAL TEAM ने ED के हलफनामे पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में एक शिकायत दर्ज कराई है। इसमें हलफनामे को कानून की अवमानना बताया गया।