उत्तराखंड सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में पहले दिए गए शपथ पत्र में कहा गया था कि 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे। लेकिन अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ पालिका को नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी होने के कारण देरी के चलते अब सरकार ने दो माह और मांगते हुए 25 दिसंबर तक निकाय चुनाव कर लिए जाने का शपथ पत्र दिया है।
शुक्रवार 7 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश न्याय मूर्ति रितु बाहरी व न्याय मूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में जसपुर के मोहम्मद अनवार व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की गई। इस दौरान निदेशक शहरी विकास, नितिन भदोरिया ने कोर्ट के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूर्व में सरकार ने 25 अक्टूबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का शपथ पत्र दिया था। इसके बाद अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ पालिका को नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी की गई। ऐसे में सरकार को नया कार्यक्रम बनाना पड़ा। राज्य निर्वाचन आयोग से विचार विमर्श के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ओबीसी, एससी-एसटी आरक्षण पर एकल आयोग की रिपोर्ट को भी 3 सितंबर को अंतिम रूप दिया गया। 31 अक्टूबर को आयोग की सिफारिश के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों के लिए आरक्षण को अंतिम रूप दिया जाएगा। 10 नवंबर को अधिसूचना से पहले आयोग 8 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी कर देगा। इसमें समय लगने के कारण होने वाली देरी के चलते अब 25 दिसंबर तक निकाय चुनाव संपन्न कर लिए जाएंगे।
बरहाल निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव होने हैं। पंचायत चुनाव का कार्यकाल भी 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सरकार को अब निकाय चुनाव निपटाते ही समय पर पंचायत चुनाव भी संपन्न करने हैं, जो की सरकार के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य है।