मसूरी में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश की नौकरशाही पर सीधा और करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद भी भ्रष्टाचार का ट्रक उसी रफ्तार से चलता रहा, फर्क बस इतना है कि अब ड्राइवर और यात्री दोनों यहीं के हो गए हैं।
उत्तराखंड की नौकरशाही पर तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था, तब कहा जाता था कि अफसर यहां से ट्रक भरकर ले जाते हैं। लेकिन अब तो ट्रक भरने वाले भी यहीं के हैं और काजू-बादाम-किशमिश खाने वाले भी यहीं के लोग हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आंदोलन काल की याद दिलाते हुए कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान क्या जज़्बा, जब लोग कहते थे कि कोदा-झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे? आज कोई इस पर बात तक नहीं करता। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जिन सपनों के लिए राज्य बना था, वो उत्तराखंड अब भी नहीं बन पाया है।
तीरथ रावत ने न सिर्फ व्यवस्था पर सवाल उठाए बल्कि अधिकारियों की भूमिका पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि जैसे कुछ नेता अच्छे हैं और कुछ बहुत ही बुरे, वैसे ही अधिकारी भी दो तरह के हैं, कुछ सेवा में ईमानदार हैं और कुछ बूरे होते है। रावत ने कहा कि जब तक सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करेगी, तब तक जनता का भला नहीं हो सकता।
उत्तराखंड के विकास के लिए नेताओं को दिया सुझाव
तीरथ ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड के विकास के लिए नेताओं, अधिकारियों, कलाकारों और समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करना होगा। ईमानदारी और जनसेवा का भाव ही उत्तराखंड को आगे ले जा सकता है वरना आंदोलनकारियों की कुर्बानियां व्यर्थ जाएंगी।