मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम को और अधिक कठोर बनाने के लिए संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इस संशोधन का उद्देश्य धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाना और इस पर कानूनी शिकंजा कसना है।
कैबिनेट के इस फैसले का प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने स्वागत करते हुए कहा कि झूठ, धोखे और लालच के जरिए किए जा रहे धर्मांतरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शम्स ने यह भी कहा कि धामी सरकार का यह निर्णय न केवल उत्तराखंड के लिए, बल्कि पूरा देश के लिए एक मिसाल है और अन्य राज्यों को भी इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन में धर्मांतरण के मामलों में कठोर दंड, त्वरित जांच, और विशेष प्रावधान शामिल किए गए हैं ताकि धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।