लंबे समय से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक आंदोलनरत हैं। कई आंदोलनों और आश्वासनों के बाद भी इन शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
मानदेय बढ़ोतरी, स्थाई नियुक्ति और अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के लगभग 5000 अतिथि शिक्षकों ने विगत वर्ष देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में धरना प्रदर्शन किया था।
लंबे आंदोलन मंत्री ने उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में आश्वासन देने की बात की थी।
अभी तक आधा दर्जन से अधिक कैबिनेट बैठक आयोजित हो चुकी हैं। लेकिन अतिथि शिक्षकों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस मुद्दे को लेकर अब अतिथि शिक्षक सरकार के खिलाफ पुनः उग्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
अतिथि शिक्षक संघ के जिला सचिव चंपावत से नीरज जोशी ने बताया कि लंबे समय से अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, सरकार अगर समझदार है, तो हमारे बारे में भी सोचे।
उन्होंने कहा है हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षक अपनी स्थाई नियुक्ति को लेकर आंदोलनरत हैं।
परमानेंट टीचर के आते ही उन्हें विद्यालय से हटा दिया जाता है।
पंचायत चुनाव से लेकर हर छोटे-बड़े कार्य में उनसे कार्य करवाया जाता है, यही नहीं अनावश्यक रूप से प्रधानाचार्य उन पर दबाव डालता है।
यहां बता दें कि अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है, सरकार की इसी नीतियों के खिलाफ अब अतिथि शिक्षक संघ पुनः आंदोलन की रणनीति बना रहे है, जो की सरकार की सर दर्द दी बनेगी।