टिहरी। मंगलवार को जिला बार एसोसिएशन टिहरी के अधिवक्ता कार्य से विरत रहे एवं यू०सी०सी० कानून मे बदलाव को लेकर राज्यपाल को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा l
कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा यू०सी०सी० कानून लागू करने पर वसीयतनामें, विक्रय पत्र, विवाह रजिस्ट्रेशन आदि मेल से दर्ज कराने से राज्य में व्यवसायरत अधिवक्ताओं के व्यवसाय पर भारी कुठाराघात हुआ है, तथा निकट भविष्य में और अधिक विकट स्थिति उत्पन्न होने की प्रबल सम्भावना है।
महामहिम को भेजें ज्ञापन मे अधिवताओ ने कहा कि इस कानून के प्राविधानों से व्यवसायरत अधिवक्ताओं के साथ-साथ अदालतों में कार्यरत मुंशीयों, टाईपिस्टों, स्टाम्प बेन्डरों आदि की भी रोजी रोटी समाप्त कर दी गई है. जो कि उनके साथ घोर अन्याय है l
एक ओर सरकार सबका विकास नीति पर कार्य कर रही है, वहीं इस कानून के लागू होने से रोजगार प्राप्त अधिवक्ताओं आदि को बेरोजगारी का दंश झेलना पडेगा।
कहा कि जूनियर अधिवक्ता रजिस्ट्रार कार्यालय में विक्रयपत्र, वसीयतनामा, दानपत्र, शादी रजिस्ट्रेशन कार्य आदि से ही आजीविका चला रहे है, कानून के लागू होने से उनकी आजीविका पर संकट आ गया है, सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए और इन दस्तावेजो को प्रमाणिकरण / रजिस्ट्रेशन पूर्व की भांति यथावत प्रक्रिया के द्वारा ही कराना सुनिश्चित करना चाहिए।
जनपद टिहरी के समस्त अधिवक्तागण, मुंशी, टाईपिस्ट, स्टाम्प बेन्डर आदि ने यू०सी०सी० कानून को लागू करने का घोर विरोध करते हुए रजिस्ट्रार कार्यालयों में पूर्व की भांति यथावत प्रक्रिया के अनुसार ही उक्त दस्तावेजो का प्रमाणिकरण / रजिस्ट्रेशन निष्पादित कराने की मांग की l
कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया तो अधिवक्ताओं को दीर्घकालीन आन्दोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा।