वर्ष 2013 में 16-17 जून को आई भीषण आपदा में केदारनाथ आपदा पीड़ितों को 12 वर्ष पहले सात-सात लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। इस मुआवजे में पटवारी से मिली भगत कर करोड़ों का घोटाला किया गया था।
अब 12 वर्ष बाद उत्तरकाशी के धराली में प्रकृति ने तांडव रचा है,
2 दिन से घटनास्थल पर मौजूद मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए पांच-पांच लाख रुपए की घोषणा की है।
वर्ष 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार से मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने उचित मुआवजा दिया था।
12 सालों के बाद भी सरकार मुआवजा बढ़ाने के बजाय घटा रही है।
उत्तरकाशी के धराली आपदा रेस्क्यू ऑपरेशन छठे दिन भी जारी है। सरकार ने आपदा पीड़ितों के लिए सहायता राशि का ऐलान किया। धराली आपदा में जीवन खोने वाले लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जायेगा। जिन लोगों ने अपने मकान गंवाए हैं, उन्हें भी 5-5 लाख रुपए की त्वरित सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही पीएनबी ने आपदा प्रभावितों के लिए 1 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है। इस विनाशकारी आपदा ने कई जिंदगियां को छीन लिया है, वहीं लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू टीमें जुटी हैं। सेना और आईटीबीपी के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस रेस्क्यू कार्य में जुटी है। भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स के 125 जवान, घातक टीम के 10 जवान, स्पेशल फोर्स के 30 जवान और BEG रुड़की के 250 जवान मलबे व कीचड़ के बीच लोगों को खोज रहे हैं। इसके अलावा सेना के 75 जवान और 7 खोजी कुत्ते मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में जुटे हैं। इतना ही नहीं आईटीबीपी के 113 जवान पैदल मार्गों से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर राहत कार्य कर रहे हैं।
लेकिन मुआवजे को लेकर जनता असंतुष्ट दिख रही है तो सरकार कजूस।