त्रीस्तरीय पंचायत चुनाव का परिणाम घोषित हो चुका है।
अब जिला पंचायत अध्यक्ष सीट के लिए भी आरक्षण घोषित होते ही अध्यक्ष पद के लिए चकडैत दावेदारों ने तिगमड़बाजी भिड़ानी शुरू कर दी है।
जिला पंचायत सदस्यों को अधिक से अधिक अपने समर्थन में जोड़ने के लिए माननीय एक्टिव हो चुके हैं।
नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य गायब दिख रहे हैं, अध्यक्ष की रणनीति बना रहे माननीय इनको लेकर निकल चुके हैं।
इन्हें हिमाचल, नेपाल, कश्मीर सहित अन्य महंगे होटलों में ठहराया गया है। लाखों रुपए में डीलिंग कर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रणनीति बना शुरू हो गई है।
ऐसा ही क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद पर भी देखने को मिल रहा है।
जहां जिला पंचायत सदस्यों की बोली 10 से 20 लाख रुपए के बीच लग रही है तो वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्यों की कीमत 1 से 5 लाख रुपए के लगभग है।
जनता के साथ हो रहा अन्याय
लाखों रुपए के दारू मुर्गा खिलाकर जनप्रतिनिधि बने यह जननायक अब अपने चुनाव का खर्च वसूल कर रहे हैं।
जनता की मांग है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव भी आम जनता द्वारा होना चाहिए।
जब नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव आम जनता द्वारा होता है, तो ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का क्यों नहीं?