देहरादून में एक पुल के निर्माण को लेकर भाजपा के दो विधायकों के बीच तकरार खुलकर सामने आ गई है। रायपुर और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाले इस पुल के निर्माण को एक विधायक ने रुकवा दिया है।
रिस्पना नदी पर बन रहे हरा पुल के निर्माण कार्य रोके जाने से स्थानीय लोग हैरान है। पुल के निर्माण की स्वीकृति दिलाने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं और जबकि पुल के निर्माण कार्य को रोकने वाले भी भाजपा के ही विधायक हैं। ऐसे में स्थानीय लोग हैरान है कि इस काम को क्यों रुकवाया गया।
धर्मपुर विधानसभा के विधायक विनोद चमोली ने निर्माण के लिए स्वीकृति दिलाई थी।
जानिए क्या है मामला?
देहरादून में रायपुर और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाला एक पुल है। यह पुल लोगों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण था, लेकिन कुछ समय पहले यह टूट गया। इसके बाद धर्मपुर विधानसभा के विधायक विनोद चमोली ने पुल के पुनर्निर्माण के लिए 3.5 करोड़ रुपए की स्वीकृति दिलाई और निर्माण कार्य शुरू करवाया। लेकिन जैसे ही निर्माण कार्य शुरू हुआ, रायपुर विधानसभा के विधायक उमेश शर्मा काऊ मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुल के निर्माण कार्य को रुकवा दिया। इसके बाद से ही यह मामला सुर्खियों में है।
दोनों के बीच क्यों है तकरार?
बजट में बदलाव रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ का कहना है कि यह पुल 2013-14 में रायपुर विधानसभा के लिए स्वीकृत हुआ था, जिसका बजट 1.90 करोड़ रुपए था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 3.50 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
उमेश शर्मा काऊ का यह भी कहना है कि पुल का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले उनसे कोई सलाह नहीं ली गई।
उमेश शर्मा काऊ ने पुल के डिजाइन पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नए पुल के निर्माण में 12 फीट का रास्ता बनाया जा रहा है, जबकि इतने बड़े पुल की आवश्यकता नहीं है।
इसपर धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि रायपुर विधायक पुल निर्माण कार्य का निरीक्षण करने गए थे, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पुल का काम रुकवाया गया है। उन्होंने कहा कि उमेश शर्मा काऊ उनके पार्टी के अपने विधायक हैं। जिनमें कुछ संदेह होंगे और उनका वह समाधान चाहते हैं, जिसका समाधान हो जाएगा, यह कोई बड़ी बात नहीं है।
भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि जब वह मेयर थे तो उस समय भी उन्होंने कोशिश की थी कि इस पुल को सही रूप दे दिया जाए, लेकिन उस समय कुछ दिक्कत आई थी। जिस वजह से उस समय काम नहीं हो पाया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनका उमेश शर्मा काऊ को कोई संदेह है तो वह निर्माण कार्य करवा रहे विभाग से जानकारी ले सकते हैं।
लोगों को होती है परेशानी स्थानीय पार्षद दिनेश सती का कहना है कि दीपनगर में रिस्पना नदी पर पुल न होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में जब धर्मपुर विधायक ने 3.50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पुल की स्वीकृति दिलाई और इस पुल बनाने का काम शुरू हुआ तो लोगों को राहत मिली, लेकिन रायपुर विधानसभा से विधायक का पुल निर्माण कार्य रुकवाना उन्हें आश्चर्यचकित करता है।








