लंबे समय से आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों को कल 11 सितंबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक से उम्मीद है कि उनकी मांगों पर अमल किया जाएगा।
मानदेय वृद्धि, विद्यालय में पद रिक्त ना रखा जाए सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश के अतिथि शिक्षक काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षा निदेशालय में धरना देने के बाद अतिथि शिक्षकों की शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने अतिथि शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि अगली कैबिनेट बैठक में उनकी मांगों को रखा जाएगा। लेकिन पिछली कैबिनेट बैठक में इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की गई। अब अतिथि शिक्षकों को 11 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक का इंतजार है।
प्रदेश के अति दुर्गम क्षेत्र में, जहां ‘लखटकिया’ गुरुजी जाने से कतराते हैं, उन्ही दुर्गम क्षेत्रों के विद्यालय में अतिथि शिक्षक न्यूनतम मानदेय पर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में अतिथि शिक्षकों को 25 हजार मासिक मानदेय दिया जाता है। अतिथि शिक्षक इसको 40 हजार रुपए मासिक करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों की यह भी मांग है कि जिस विद्यालय में वह सेवाएं दे रहे हैं, वहां उनके पद को विभाग रिक्त ना दिखाएं। ऐसी स्थिति में स्थाई शिक्षक के आते ही उनका तबादला अन्यत्र विद्यालय कर दिया जाता है। जिस कारण वह बोरिया बिस्तर ढोने पर मजबूर हैं। शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद अतिथि शिक्षकों को बुधवार 11 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक का बेसब्री से इंतजार है। उन्हें आस है कि इस कैबिनेट में उन्हें सम्मानजनक मानदेय मिलने और उनकी तैनाती के दौरान उनके पदों को रिक्त ना माने जाने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में पास होगा। ऐसे में सुरक्षित भविष्य को लेकर सभी अतिथि शिक्षकों की निगाहें कल होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं।