दिवंगत मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी की पत्नी की स्मृति में बना अस्पताल अक्सर विवादों में रहता है।
कुमाऊं के सबसे बड़े इस सुशीला तिवारी अस्पताल से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल के ICU वार्ड मे बंदरों का जमावड़ा देखा गया, जबकि अंदर मरीजों के बेड पर चींटियाँ रेंगती नजर आईं। यह स्थिति न सिर्फ भयावह है बल्कि अस्पताल की सुरक्षा और स्वच्छता पर बड़ा सवालिया निशान भी छोड़ती है।
बताया गया कि ICU के भीतर एक मरीज के बेड पर चींटियाँ पहुंच चुकी थीं, और मरीज के शरीर पर तक चींटियाँ चल रही थीं। वहीं ICU के बाहर बंदरों की मौजूदगी से तिमारदार अपने मरीजों के पास जाने से भी डर रहे हैं। अस्पताल में खुलेआम मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है और गंभीर मरीजों के इलाज पर सीधा असर पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों और परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह लापरवाह है। न स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है और न मैं कोई हल नाम ही सुरक्षा पर। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही सवालों के घेरे में थीं, लेकिन सुशीला तिवारी अस्पताल की यह स्थिति प्रशासन की तैयारियों और प्रबंधन की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
अब बड़ा सवाल यही है कि मरीज जाएं तो जाएं कहां?
आखिर जिम्मेदारी किसकी है?
वहीं अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है।









