पौड़ी। चौबट्टाखाल से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की विधानसभा क्षेत्र में गुलदार का आतंक बना हुआ है। ऐसे में अब सतपाल महाराज वन मंत्री सुबोध उनियाल की बजाए खुद कमान संभाल रहे हैं। हालांकि महाराज की विधानसभा में वन्यजीवों का आतंक है, लेकिन वन मंत्री सुबोध उनियाल से संपर्क करने के बजाए उन्होंने कमान खुद ले ली है। यह कहीं ना कहीं राजनीतिक मतभेद जाहिर करता है।
महाराज ने कहा है कि राज्य में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों को नाकाम करने के लिए गांवों के इर्द गिर्द फैली झाड़ियों का बड़े पैमाने पर कटान किया जाएगा।
पंचायत विभाग के अधिकारियों को अनटाइड फंड से रिहायशी इलाकों में ऐसे स्थानों की झाड़ियों को काटवाने के निर्देश दिए गए हैं जहां जंगली जानवरों के छिपे होने की आशंका रहती है।
उन्होंने जंगली जानवरों के हमलों में मारे जाने वाले लोगों को 10 लाख की मुआवजा राशि दिये जाने और घायलों के उपचार का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किये जाने के निर्णय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया है।
महाराज ने कहा कि पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों को देखते हुए आमजन एवं ग्रामीणों की सुरक्षा के मध्येनजर पकड़े गए जंगली जानवरों को प्राणी उद्यानों और वनतारा में रखने की व्यवस्था बनाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि इसके लिए बड़ी-बड़ी संस्थाओं एवं कंपनियों से उनके रखरखाव एवं खान-पान की व्यवस्था पर होने वाले खर्च को वाहन करने का उनसे अनुरोध किया जा रहा है। एक बाघ को पड़कर यदि किसी भी प्राणी उद्यान में रखा जाता है तो उसके खान-पान एवं रखरखाव पर 20 से 25 लाख रुपए के लगभग वार्षिक खर्च आता है। इसलिए इस तरह की पहल करना आवश्यक है। ताकि आम लोगों के साथ-साथ वन्य जीवों के भी सुरक्षा हो सके।
गौरतलब है कि प्रदेश में बाघ,गुलदार,हाथी,भालू, सुअर, बंदर व अन्य जंगली जानवरों ने उत्पात मचाया हुआ है। आए दिन जंगली जानवरों के शिकार की खबरें आती रहती है। नाराज लोग वन अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत का वीडियो भी सुर्खियों में है।
इधऱ, कैबिनेट मंत्री महाराज ने गांवों के आसपास झाड़ियां कटवाने का बीड़ा उठाया है। झाड़ियां कटने के बाद जंगली जानवरों के हमलों में कमी का आंकड़ा भी विभाग पेश करेगा, इसका भी इंतजार रहेगा।









