गजब सरकार बहादुर ; बेरोजगारों का उत्पीड़न, 23 अंक में प5 अंक काट दिए
देहरादून। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों की परीक्षा में उत्तर पत्रिकाओं की जांच में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ एक्ट) में आयोग से मांगी गई उत्तर पुस्तिकाओं में यह पाया गया है कि एक सवाल के जवाब पर पहले अभ्यर्थी को 35 में से 23 अंक दिए गए, फिर उसे काटकर 15 कर दिया गया। इसके अलावा भी कई गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की मुख्य परीक्षा में महज चार अंक से वंचित रहे अभ्यर्थी देहरादून निवासी आयुष ने लगाए हैं।
आयुष ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा (मुख्य) 2023 में भाग लिया था। वह अंतिम परिणाम से संतुष्ट नहीं हुए तो आरटीआइ में निबंध (93) और हिंदी कंपोजिशन (92) विषय की स्वयं और अन्य अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं मांगी
अवलोकन में पता चला कि निबंध के पेपर में प्रश्न संख्या दो में लिखे गए उत्तर और बाहर वाले पेज (केजिंग) में 35 में से 23 अंक दिए गए थे। लेकिन, पुनः इस प्रश्न के उत्तर और केजिंग में उसे काटकर 15 कर दिया गया। हिंदी कंपोजिशन में प्रश्न संख्या चार और पांच के हिंदी और अंग्रेजी रूपांतरण में भी त्रुटि पाई गई।
नहीं उठाया गया। अभ्यर्थी आयुष के पिता राजेंद्र प्रसाद की मांग है कि किसी अन्य विशेषज्ञ से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराई जाए। मूल्यांकन पर उठाए गए सवाल के मामले में आयोग के सचिव से बात करने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
अभ्यर्थी आयुष के अनुसार, कई उत्तर सही होने के बाद भी शून्य अंक दिए गए। एक सवाल के जवाब में ‘हलफनामा’ लिखने पर शून्य अंक दिया है। अन्य अभ्यर्थी को एक अंक दिया है। आयुष ने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी रूपांतरण के जो जवाब गलत माने गए हैं उन्हें आक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक सही माना गया है।