देहरादून। लंबे समय से विवादों में चल रहे पीएमजीएसवाई मुखिया आरपी सिंह को शासन ने उनके मूल तैनाती स्थल सिंचाई विभाग वापस भेज दिया है।
शनिवार देर शाम उपसचिव अजीत सिंह की ओर से जारी हुए आदेश के बाद उन्हें पीएमजीएसवाई के चीफ के पद से हटा दिया गया।
पिछले वर्ष पीएमजीएसवाई के कार्यों में टेंडर प्रक्रिया में मानकों का पालन न करने पर यह मामला सुर्खियों में बना था। तब पीएमजीएसवाई के कार्यकारी अधिकारी ने मुख्य अभियंता आरपी सिंह के कार्यालय में छापा मारकर टेंडर से संबंधित फाइलें कब्जे में ली थी।
दरअसल सिंचाई विभाग से PMGSY में डेपुटेशन पर आए 7 अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति अवधि वर्ष 2022 में समाप्त हो गयी थी। जिसके बाद इन सभी अभियंताओं को वापिस मूल विभाग में तैनाती देनी थी, लेकिन ऐसा नही हुआ।
सिंचाई विभाग के कई नोटिसों व रिमाइंडर के बाद भी चीफ इंजीनियर PMGSY के पद पर तैनात आरपी सिंह सहित 7 अभियंता इन नोटिसों का जवाब नही दिया और इन शासकीय पत्राचारों को दबा तक देते हैं।
इसी बीच कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह द्वारा भी यही मामला विषेशाधिकार हनन के तहत विधानसभा सदन में रखा गया, जिसका नतीजा यह निकला कि सदन के दौरान ही विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को अपने कमरे में बुलाकर उक्त प्रकरण पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया। तब यह माना जा रहा था कि नियमविरुद्ध चार्ज पर बैठे इन अभियंताओं को जल्द ही मूल विभाग में भेजा जाएगा, लेकिन तब भी ऐसा नही हुआ।
लेकिन शासन ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया कि शिकायतों को देखते हुए आरपी सिंह को पीएमजीएसवाई के मुखिया पद से तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त कर उनके मूल विभाग सिंचाई विभाग में भेज दिया गया है।